LHC0088 • 2025-12-29 10:57:20 • views 777
NPS Retirement Gratuity: राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के अंतर्गत सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी को लेकर लंबे समय से चले आ रहे भ्रम को दूर करने के लिए पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग (DoPPW) ने एक जरूरी स्पष्टीकरण दिया है। यह स्पष्टीकरण खास तौर पर उन सरकारी कर्मचारियों के लिए अहम है, जिन्होंने पहले सैन्य सेवा की और बाद में केंद्र या राज्य सरकार की असैन्य सेवा में शामिल हुए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
विभाग ने स्पष्ट किया है कि किन परिस्थितियों में दोबारा ग्रेच्युटी दी जाएगी और किन मामलों में नहीं। यह स्पष्टीकरण केंद्रीय सिविल सेवा (एनपीएस के अंतर्गत ग्रेच्युटी भुगतान) संशोधन नियम, 2025 के नियम 4A के संदर्भ में जारी किया गया है।
कब दूसरी ग्रेच्युटी नहीं मिलेगी
DoPPW के अनुसार, यदि किसी पुनर्नियुक्त सरकारी कर्मचारी ने अपनी पिछली सेवा के लिए पहले ही निम्न में से कोई भी ग्रेच्युटी प्राप्त कर ली है, तो उसे बाद की सरकारी सेवा के लिए अलग से ग्रेच्युटी नहीं मिलेगी।
- अधिवार्षिकी (Superannuation) ग्रेच्युटी
- सेवानिवृत्ति (Retiring) ग्रेच्युटी
- अनिवार्य सेवानिवृत्ति पर मिलने वाली ग्रेच्युटी
- बर्खास्तगी या पद से हटाए जाने के बाद दी गई अनुकंपा ग्रेच्युटी
ऐसे मामलों में पहले प्राप्त की गई ग्रेच्युटी को अंतिम माना जाएगा और बाद की सरकारी सेवा के लिए कोई नई ग्रेच्युटी देय नहीं होगी।
पीएसयू और स्वायत्त निकायों के कर्मचारियों को राहत
हालांकि, नियमों में एक महत्वपूर्ण अपवाद भी रखा गया है। यदि कोई कर्मचारी पहले किसी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (PSU) या स्वायत्त निकाय में कार्यरत था और उचित अनुमति के साथ बाद में सरकारी सेवा में शामिल हुआ है, तो वह सरकारी सेवा के लिए ग्रेच्युटी पाने का पात्र होगा। ऐसे मामलों में, पीएसयू या स्वायत्त निकाय से मिली ग्रेच्युटी के अतिरिक्त सरकारी सेवा की ग्रेच्युटी भी दी जा सकती है।
कुल ग्रेच्युटी पर सीमा
विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि जिन कर्मचारियों ने राज्य सरकार और केंद्र सरकार – दोनों में सेवा की है, उन्हें मिलने वाली कुल ग्रेच्युटी पर एक सीमा लागू होगी।
राज्य और केंद्र से अलग-अलग मिली ग्रेच्युटी का कुल योग उस राशि से अधिक नहीं हो सकता, जितनी ग्रेच्युटी तब मिलती यदि पूरी सेवा एक ही सरकार के अधीन की गई होती।
कर्मचारियों के लिए क्या मायने
यह स्पष्टीकरण रक्षा कर्मियों, पुनर्नियुक्त असैन्य कर्मचारियों और मिश्रित सेवा रिकॉर्ड रखने वाले अधिकारियों के लिए बड़ी राहत और स्पष्टता लेकर आया है। इससे न केवल नियमों में एकरूपता आएगी, बल्कि अनावश्यक दोहरे लाभ पर भी रोक लगेगी और एनपीएस के तहत ग्रेच्युटी भुगतान को मौजूदा पेंशन नियमों के अनुरूप बनाया जा सकेगा।
एनपीएस ग्रेच्युटी पर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
प्रश्न 1: क्या कोई सरकारी कर्मचारी दो बार ग्रेच्युटी प्राप्त कर सकता है?
उत्तर: सामान्य रूप से नहीं। यदि किसी कर्मचारी ने पहले की सेवा (जैसे सैन्य सेवा) के लिए ग्रेच्युटी प्राप्त कर ली है, तो बाद की सरकारी सेवा के लिए अलग से ग्रेच्युटी नहीं मिलेगी।
प्रश्न 2: किन परिस्थितियों में दूसरी ग्रेच्युटी नहीं दी जाएगी?
उत्तर: यदि कर्मचारी को पहले ही सुपरएनुएशन ग्रेच्युटी, रिटायरिंग ग्रेच्युटी, अनिवार्य सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी या बर्खास्तगी/हटाने के बाद अनुकंपा ग्रेच्युटी मिल चुकी है।
प्रश्न 3: क्या यह नियम सैन्य सेवा के बाद सिविल सेवा में आए कर्मचारियों पर लागू होता है?
उत्तर: हां। रक्षा सेवा से सेवानिवृत्त होकर बाद में सिविल सरकारी सेवा में आए कर्मचारियों पर यह नियम लागू होगा।
प्रश्न 4: पीएसयू या स्वायत्त निकाय से आए कर्मचारियों के लिए क्या अलग नियम हैं?
उत्तर: हां। यदि कोई कर्मचारी पीएसयू या स्वायत्त निकाय से उचित अनुमति के साथ सरकारी सेवा में आया है, तो उसे सरकारी सेवा के लिए अलग से ग्रेच्युटी मिल सकती है।
प्रश्न 5: क्या राज्य और केंद्र सरकार दोनों की सेवा करने पर दो ग्रेच्युटी मिल सकती है?
उत्तर: मिल सकती है, लेकिन कुल ग्रेच्युटी की राशि सीमित होगी। दोनों मिलाकर वह राशि नहीं हो सकती, जो एक ही सरकार के अधीन पूरी सेवा करने पर मिलती।
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