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चरखी दादरी: 5 साल में 700 सड़क हादसे और 406 लोगों की मौत, किसी ने इकलौता बेटा तो किसी ने खोया पति

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चरखी दादही में 5 साल में 700 सड़क हादसे। सांकेतिक फोटो



हनी सोनी, चरखी दादरी। सड़क सुरक्षा को लेकर अधिकारी बंद कमरों में तो लंबे-चौड़े कसीदे पढ़ते हैं जबकि अपनी योजनाओं को धरातल पर अमलीजामा पहनाना भूल जाते हैं। यहीं कारण है कि सड़क हादसों के आंकड़ों में ज्यादा सुधार नहीं आ पा रहा और दादरी जिले की सड़कों पर नियिमत अंतराल में हादसे हो रहे हैं, जिनमें लोग जान गंवा रहे हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

पिछले पांच साल के आंकड़ों की बात करें तो जिले में कुल 700 सड़क हादसे हुए हैं और इनमें 406 लोगों ने जान गंवाई है जबकि 410 घायल हुए हैं। सड़क हादसों के ये आंकड़े चिंताजनक हैं। संवाददाता ने वर्ष 2021 से लेकर 2025 तक जिले में हुए सड़क हादसों के आंकड़े जुटाकर इन पर मंथन किया तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। वर्ष 2024 व 2025 के आंकड़ों का विश्लेषण करने पर सामने आया कि इस साल न केवल सड़क हादसों की संख्या बढ़ी है, बल्कि इनमें घायल होने वालों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। हालांकि हादसों में दम तोड़ने वालों की संख्या पिछले साल से थोड़ा कम है। वर्ष 2024 की बात करें तो सड़क हादसों में 57 लोग घायल हुए थे जबकि 77 की मौत हुई थी। इस साल की बात करें तो सड़क हादसों ममें 72 लोगों ने दम तोड़ा है जबकि 91 घायल हुए हैं। वर्ष 2024 में 27 दिसंबर तक 129 सड़क हादसे हुए हैं जबकि पिछले साल यह संख्या 123 थी।

वर्ष 2021 से 25 तक हुए सड़क हादसों के आंकड़ें खंगालने पर सामने आया कि पिछले पांच सालों के दौरान वर्ष 2023 में सर्वाधिक 157 सड़क हादसे हुए हैं, जिनमें 87 लोगों ने दम तोड़ा था जबकि 91 घायल हुए थे। इसके बाद सर्वाधिक हादसे वर्ष 2021 में हुए और उस साल 82 लोगों की मौत हुई जबकि 93 घायल हुए। वर्ष 2024 में जिले के अंदर 123 सड़क हादसे हुए थे जो पिछले पांच सालों में सबसे कम है। वहीं, प्रशासन को इस तरफ ध्यान देकर सड़क हादसों को रोकने के लिए और पुख्ता कदम उठाने की जरूरत है।
नेशनल हाईवे लील रहे जिंदगियां

जिले से गुजरने वाले नेशनल हाईवे 152-डी के अलावा एनएच-334 बी व एनएच-148 बी से भारी वाहन गुजरते हैं। करीब 35 से 40 फीसदी सड़क हादसे भारी वाहनों की वजह से होते हैं। सड़क हादसों में सबसे अधिक मौतें एनएच-152 डी पर हुई हैं जबकि एनएच-334-बी पर भी नियमित अंतराल पर हादसे हो रहे हैं। ज्यादातर हादसों का कारण रफ्तार या दूसरे वाहन के चालक की लापरवाही सामने आई है।
इस साल जिले में हुए कुछ बड़े हादसे

गत 4 दिसंबर को एनएच-152 डी पर कमोद गांव के समीप खड़े ट्रक से दूसरा ट्रक टकरा गया था। इस हादसे में एक ट्रक में सवार चालक व सहायक जिंदा जल गए थे। करीब आठ घंटे तक एनएच की ट्रैफिक व्यवस्था प्रभावित रही थी।

23 दिसंबर को भांड़वा गांव के पेट्रोल के पास सड़क पर खड़ी ट्राली से एक बाइक टकरा गई थी। हादसे में लाड गांव निवासी दो दोस्तों की मौत हो गई थी। दोनों ही बचपन से साथ पढ़े व खेले थे। गमगीन माहौल में दोनों की अंतिम क्रिया हुई थी।

14 दिसंबर को कालियावास गांव के समीप रोडवेज ने स्कूली छात्राओं से भरी बस को टक्कर मार दी थी। इस हादसे में एक होनहार छात्रा की दुखद मौत हो गई थी जबकि शिक्षिकाओं व छात्राओं समेत 34 लोग घायल हो गए थे।

जनवरी 2025 में अंतरराष्ट्रीय महिला शूटर मनु भाकर के मामा की स्कूटी को कार ने टक्कर मार दी थी। उस वक्त मनु भाकर की नानी भी स्कूटी पर सवार थी। इस हादसे में मनु भाकर के मामा व नानी दोनों की मौत हो गई थी।
किसी ने खोया इकलौता बेटा तो किसी का पति चल बसा

जिले में नियमित अंतराल पर हो रहे सड़क हादसों में परिवारों को जीवनभर का दर्द मिल रहा है। इन हादसों में किसी परिवार को इकलौता बेटा तो किसी के मुखिया को जान गंवाना पड़ी। इन हादसों ने कई परिवारों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट भी पैदा कर दिया।


यातायाता नियमों का पालन करके सड़क हादसों में कमी लाई जा सकती है। इसके मद्देनजर जिला पुलिस जागरूकता अभियान चलाती है। इसके अलावा यातायात नियम तोड़ने वाले चालकों पर पुलिस की ओर से सख्ती भी बरती जाती है। अगर चालक यातायात नियमों का पालन करें तो स्वत: ही हादसों में कमी आ जाएगी। फिर भी पुलिस अपने स्तर पर हरसंभव प्रयास कर रही है।

- योगेश कुमार, प्रवक्ता, चरखी दादरी पुलिस विभाग
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