नबीनगर में स्वास्थ्य सेवाएं भगवान भरोसे। फोटो जागरण
सत्य प्रकाश, नबीनगर (औरंगाबाद)। नबीनगर में स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति अत्यंत खराब है। गांवों में चल रहे अस्पतालों में न चिकित्सक आते हैं, न एएनएम और न ही अन्य स्वास्थ्यकर्मी। आरोग्य मंदिर, जो नबीनगर प्रखंड के ग्रामीणों के स्वास्थ्य के लिए खोला गया है, वहां पदस्थापित चिकित्सक नहीं आते हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
नबीनगर रोड पर स्थित आरोग्य मंदिर का हाल यह है कि यह देखने में अस्पताल नहीं लगता। यह एक किराए के मकान में चल रहा है, लेकिन न तो अस्पताल का कोई बोर्ड लगा है और न ही दीवार पर कुछ अंकित है।
ग्रामीणों से पूछने पर पता चलता है कि यहां कोई स्वास्थ्य सेवा नहीं मिलती। स्थानीय लोगों का कहना है कि उनकी स्वास्थ्य सेवा भगवान भरोसे है। स्वास्थ्य विभाग के सिविल सर्जन, प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी, जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम और प्रखंड प्रबंधक अस्पताल की स्थिति के प्रति गंभीर नहीं हैं। यदि अधिकारी अस्पतालों का निरीक्षण करते, तो निश्चित रूप से एक बोर्ड लगा होता।
ग्रामीणों ने बताया कि आरोग्य मंदिर नबीनगर रोड प्रतिदिन खुलता है, लेकिन किस समय खुलेगा, यह कोई नहीं जानता। यहां दो एएनएम, कमला कुमारी और गायत्री कुमारी, तथा एक चिकित्सक, डॉ. अरविंद कुमार, पदस्थापित हैं। ग्रामीणों के अनुसार, एएनएम कमला प्रतिदिन आती हैं, लेकिन एएनएम गायत्री कुमारी और चिकित्सक डा. अरविंद कुमार कभी-कभी ही अस्पताल आते हैं।
शुक्रवार को दैनिक जागरण की टीम ने 9:30 बजे आरोग्य मंदिर की स्थिति जानने के लिए नबीनगर रोड का दौरा किया। अस्पताल खोजने में 10 मिनट लग गए और जब अस्पताल मिला, तो वह बंद था।
मकान मालिक अरुण गुप्ता के घर की महिलाओं से पता चला कि आरोग्य मंदिर इसी भवन में चलता है। आरोग्य मंदिर का ताला 11:30 बजे तक नहीं खुला था, जबकि अस्पताल खुलने का समय सुबह नौ बजे निर्धारित है।
रेफरल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अभय कुमार ने बताया कि दोनों एएनएम, कमला और गायत्री, गांवों में टीकाकरण करने गई थीं। रेफरल अस्पताल में चिकित्सक की कमी के कारण डा. अरविंद कुमार पीएचसी में ड्यूटी कर रहे हैं। आरोग्य मंदिर में जानकारी की कमी के सवाल पर उन्होंने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया। |