जागरण संवाददाता, लखनऊ। नशे में इस्तेमाल होने वाली कफ युक्त सीरप फेंसेडिल की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार एसटीएफ के बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह और अमित सिंह टाटा को शुक्रवार सुबह साढ़े 11 बजे 55 घंटे की रिमांड पर लिया गया। पहले दिन दोनों से एसटीएफ ने आठ घंटे पूछताछ की। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इस दौरान दोनों से 60 से ज्यादा सवाल पूछे गए, जिसमें कई अहम जानकारियां एसटीएफ के हाथ लगी है। एसटीएफ ने बताया कि अमित और आलोक को साढ़े 12 बजे कार्यालय लेकर टीम पहुंची थी। उनके साथ वकील भी मौजूद थे, जो पूछताछ के दौरान कुछ दूरी पर रहे।
बताया कि दोनों से पूछताछ के लिए पहले ही सवालों की सूची तैयार कर ली गई थी। उसी आधार पर जांचकर्ता और उनकी टीम ने अलग-अलग स्तर पर पूछताछ की। पूछताछ के दौरान दोनों से तस्करी का पूरा खेल कैसे चलता है, उसके बारे में जाना गया।
साथ ही एबाट कंपनी के कौन से कर्मचारी उनके साथ शामिल थे, उनके नाम पर डिटेल जानने का प्रयास किया गया। पूछताछ के दौरान दोनों बार-बार एक बात दोहरा रहे थे कि सभी चीजें शुभम जायसवाल, उसका सीए समेत अन्य लोग देख रहे थे। उन्होंने सिर्फ निवेश किया था।
एसटीएफ ने दोनों के सामने उनके नाम पर खोली गई फर्जी फर्मों के बारे में जानकारी जुटाई, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं बताया। सूत्र बताते हैं कि दोनों ने शुरू से लेकर अब तक की पूरी जानकारी टीम को दी है।
उसी आधार पर दोनों को टीम बनारस भी लेकर जाएगी। इसके बाद धनबाद ले जा सकती है, ताकि जांच के दौरान अब तक जिन सवालों के जवाब नहीं मिले हैं, वे मिल सकें।
साथियों के बारे में जुटाई जानकारी
तस्करी के दौरान कौन-कौन साथ देता था। उनके नाम की जानकारी ली। साथ ही ट्रक कैसे पास होते थे। बिल किसके नाम पर होते थे। किस जिले में किसको जिम्मेदारी दे रखी थी। वह पूरी जानकारी हासिल की। इसमें कई लोगों के नाम दोनों ने लिए हैं, अब देखना होगा कि उन लोगों की गिरफ्तारी कब होती है।
कंपनी के लोग भी हुए चिह्नित
सूत्र बताते हैं एसटीएफ ने एबाट कंपनी को दो नोटिस जारी की थी। जिसमें उन्होंने कंपनी से कहा था कि भारत में
सप्लाई न दें। ऐसे में उनकी कंपनी के कौन-कौन से कर्मचारी सप्लाई कर रहे थे। उसकी जानकारी ली है। यही नहीं कुछ को तो चिन्हित भी कर लिया है। जल्द ही उनकी गिरफ्तारी हो सकती है। |