प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। कांग्रेस की कार्यप्रणाली को लेकर असंतोष जताते हुए वरिष्ठ नेता मोहम्मद मोकीम ने पार्टी की शीर्ष नेता सोनिया गांधी को पत्र लिखा है। इसको लेकर कांग्रेस की आंतरिक राजनीति गरमा गई है।
कुछ वरिष्ठ नेता इस मुद्दे पर खुलकर सामने आए हैं, जबकि अन्य स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। वहीं, पीसीसी अध्यक्ष भक्तचरण दास ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
पूर्व पीसीसी अध्यक्ष जयदेव जेना ने कहा कि मल्लिकार्जुन खरगे की उम्र और राहुल गांधी के उनसे न मिलने का आरोप स्वीकार्य नहीं है। संसद में खरगे जी की बहसें सुनिए-लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए वे जिस मजबूत तर्क के साथ अपनी बात रखते हैं, उसे पूरा देश देख रहा है। वे विद्वान और योग्य व्यक्ति हैं, इसलिए ही उन्हें पार्टी अध्यक्ष बनाया गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
उनके बारे में इस तरह की टिप्पणी करना ठीक नहीं है। राहुल गांधी गरीबों और वंचितों के बीच जाकर उनसे मिलते हैं, इसलिए उनसे न मिलने का आरोप लगाना उचित नहीं है।
अनंत सेठी ने कहा कि मोकीम ने सुप्रीम लीडर को पत्र लिखा था, उन्हें प्रतीक्षा करनी चाहिए थी। इसे बाहर चर्चा के लिए छोड़ना ठीक नहीं। मीडिया में पार्टी के आंतरिक मुद्दों पर चर्चा करना उचित नहीं है।
सुरेश राउत ने कहा कि कांग्रेस को कमजोर दिखाना ठीक नहीं है। धैर्य रखना चाहिए। कांग्रेस अब उभर रही है। मोकीम बाबू को कांग्रेस ने कभी धोखा नहीं दिया। उन्होंने यदि पत्र लिखा, तो उसे बाहर नहीं आना चाहिए था। उनकी बेटी भी कांग्रेस से विधायक बनी है और अच्छा प्रदर्शन कर रही है। फिर मोकीम उनके राजनीतिक भविष्य को क्यों नुकसान पहुंचा रहे हैं? ऐसे बयानों के बीच मोकीम ने आज अपनी बात रखी।
उन्होंने कहा कि पिछले दिनों ओडिशा में जो भी युवा नेतृत्व था, वह कांग्रेस छोड़कर चला गया। जिन्हें कांग्रेस ने खड़ा किया, उन्हें पार्टी क्यों छोड़े? कांग्रेस सबको साथ लेकर चले—इसी उद्देश्य से उन्होंने पत्र लिखा है। उनका किसी व्यक्ति विशेष पर व्यक्तिगत आरोप नहीं है। उन्होंने कार्यकर्ताओं की बात लिखी है। मैं सोनिया गांधी के हस्तक्षेप की मांग कर रहा हूं और उम्मीद करता हूं कि वह हस्तक्षेप करेंगी। |