जब रेडियो पर बैन हुआ था आशा भोसले का ये गाना
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। हिंदी सिनेमा में आजकल भले ही गाने के बोल और उनके मतलब कुछ और ही निकलते हों, लेकिन एक वक्त ऐसा था जब सिनेमा में गानों की पहचान अलग ही होती थी। उस दौर में जब गाने बजते थे तो मानो लोग उन गानों में खो जाते थे। लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar Songs) से लेकर किशोर कुमार (Kishore Kumar) जैसे दिग्गजों के गानों को पसंद करने वाले करोड़ों लोग आज भी हैं। उस दौर में आशा भोसले (Asha Bhosle Songs) के भी खूब गाने बजते थे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आशा ताई के कई गाने विवादों से घिरे रहे। आज हम आपको उनके ऐसे गाने का किस्सा बताएंगे, जिस पर बैन लगा दिया गया था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
आशा ताई के इस गाने पर लगा था बैन
एक तरफ लता मंगेशकर जहां अपने गानों से रिकॉर्ड बना रही थीं तो दूसरी तरफ उनकी बहन आशा भोसले भी अपने गानों से लोगों का दिल जीत रही थीं। हालांकि अपने करियर में आशा ताई ने ज्यादातर बोल्ड, रोमांटिक औरक सेंसुअल गानों को अपनी आवाज दी। हालांकि ऐसा नहीं था कि उन्होंने हल्के सॉफ्ट गाने नहीं गाए, लेकिन उनकी चर्चा ज्यादा ऐसे गानों से हुई। एक ऐसा ही गाना था, जिसे आशा ताई ने गाया था। बाद में उस गाने पर बैन लगा दिया था और ये गाना फिल्म हरे रामा हरे कृष्णा (Hare Krishna Hare Ram) का है।
साल 1971 में आई इस फिल्म में जीनत अमान थीं और इस गाने में जीनत अमान ने हिप्पी और संस्कृति को मिला जुलाकर दिखाया। जिसके बाद काफी विवाद हुआ था। दम मारो दम (Dum Maro Dum Song)... गाने पर चिलम-गांजा फूंकने और नशा करने की आदत को बढ़ावा देने का आरोप लगा। लोगों ने ये भी आरोप लगाए कि गाने में ग्लैमर का तड़का लगाकर संस्कृति को खराब करने की कोशिश की गई। विवाद इतना बढ़ा कि बाद में रेडियो पर इस गाने पर प्रतिबंध लग गया और दूरदर्शन ने फिल्म के टीवी पर प्रसारण के दौरान इसे हटा दिया। यहां तक कि फिल्म जब टीवी पर आई तब भी फिल्म से इस गाने को हटा दिया गया था।
यह भी पढ़ें- आशा ताई को \“गंदे गाने\“ देते थे RD Burman, सिंगर ने की थी लता दीदी की शिकायत
आशा भोसले के एक और गाने पर लगा था बैन
वैसे आशा भोसले के एक और गाने पर बैन लगा था। साल 1971 में ही आई फिल्म कारवां में ये गाना नजर आया था। गाने का नाम था पिया तू अब तो आजा (Piya Tu Ab To aja)। इस गाने में हेलेन नजर आईं थी। गाने में हेलेन का अंदाज और डांस देखकर लोग सीटी बजाने पर मजबूर हो गए थे। हालांकि गाने के लिए लिरिक्स काफी सिडक्टिव थे। गाने को मजरूह सुल्तानपुरी ने लिखा था और रिकॉर्डिंग के दौरान वो खुद भी स्टूडियो में मौजूद थे। आशा भोसले ने खुद बताया था कि रिकॉर्डिंग के दौरान जब उन्होंने इसके बोल सुने, तो वह इतने शर्मिंदा हुए कि स्टूडियो छोड़ कर चले गए। ये गाना सुपरहिट हुआ और इस गाने पर भी बैन लगा था।
यहां तक कि आशा भोसले ने शिकायत भी की थी कि दीदी यानि लता मंगेशकर को मेकर्स अच्छे और सही गाने देते थे जबकि उन्हें ऐसे गाने मिलते थे, जिन पर विवाद हो जाता करता था। भले ही उनके परिवार में लता मंगेशकर जैसी चमत्कारी गायिका उनकी बड़ी बहन के रूप में मौजूद थी। लेकिन आशा ताई ने जो मुकाम बनाया, अपने बूते बनाया। लोग तो यह कहते हैं कि लता मंगेशकर के बड़ी बहन होने की वजह से उन्हें फायदा कम, नुकसान ज्यादा हुआ है। सालोंसाल आशा भोसले ने गाने गाए और दर्शकों को अपनी आवाज से दीवाना बनाया है और आज भी लोग उनकी आवाज के दीवाने हैं।
यह भी पढ़ें- रेलवे स्टेशन पर रिकॉर्ड किया गाना...सिगरेट के पैकेट पर दी थाप, 1948 में ऐसे बना Lata Mangeshkar का पहला हिट गीत |