हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष हरविंद्र कल्याण। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा में अब बैकडोर भर्तियां नहीं हो सकेंगी। विधानसभा में होने वाली भर्तियों में पूरी तरह से पारदर्शिता बरती जाएगी। अधिकारियों व कर्मचारियों की कार्यप्रणाली में दक्षता लाने के लिए साल भर उनके नियमित प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जाएंगे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अधिकारियों व कर्मचारियों को अपनी पदोन्नति के लिए भी न तो इंतजार करना पड़ेगा और न ही किसी सिफारिश की जरूरत पड़ेगी। विधानसभा स्पीकर हरविन्द्र कल्याण ने विधानसभा सचिवालय की कार्यपद्धति में सुधार का मेगा प्लान तैयार किया है।
हरियाणा विधानसभा बैकडोर (पिछले दरवाजे से होने वाली) भर्तियों के लिए हमेशा चर्चाओं में रहती है। राज्य में किसी भी दल की सरकार रही हो, विधानसभा को बैकडोर भर्तियां हमेशा चर्चा और विवाद का कारण रहती हैं। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि विधानसभा स्वतंत्र निकाय है, हालांकि वित्तीय प्रबंधन राज्य सरकार के हाथ में है।
विधानसभा स्पीकर हरविन्द्र कल्याण ने जब दायित्व संभाला तो उनके पास भर्तियों की जबरदस्त सिफारिशें आने लगी। सिफारिश करने वालों ने दलील दी कि पूर्व में भी विधानसभा में ऐसी भर्तियां होती रही हैं, जिसके बाद स्पीकर ने पूर्व में हुई भर्तियों का पूरा रिकार्ड खंगालना चालू कर दिया। साल 2024 के विधानसभा चुनाव से तुरंत पहले भी कुछ भर्तियां हुई थी, जिन्हें लेकर विवाद की स्थिति है।
विधानसभा स्पीकर हरविन्द्र कल्याण ने मीडियाकर्मियों से औपचारिक बातचीत के दौरान कहा कि उन्होंने अपने समर्थकों और शुभचिंतकों को स्पष्ट कह दिया है कि विधानसभा में जो भी भर्ती होगी, वह नियमों के अनुसार तथा पूरी पारदर्शिता व योग्यता के अनुसार होगी।
पूर्व में हुई भर्तियों पर उठ रहे सवालों को लेकर उन्होंने कहा कि यह हमारी आंतरिक जांच का विषय है, जिस पर काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि वे अब तक देश के 11 राज्यों की विधानसभा की कार्यप्रणाली को नजदीक से देख-समझ चुके हैं।
विधानसभाओं का दौर करने का उनका सिलसिला जारी है। किसी राज्य की विधानसभा का भवन (ढांचा) कैसा है, यह ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि महत्व इस बात का है कि वहां क्या श्रेष्ठ प्रैक्टिस चल रही हैं।
हरविन्द्र कल्याण ने कहा कि दूसरे राज्यों की बेस्ट प्रैक्टिस को हरियाणा विधानसभा की कार्यप्रणाली में शामिल किया जा रहा है। अधिकारियों व कर्मचारियों के साल भर होने वाले नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रम इसी का उदाहरण हैं।
अधिकारियों व कर्मचारियों के आंतरिक टेस्ट लेने की प्रक्रिया शुरू की गई है। उनका रिजल्ट सार्वजनिक नहीं किया जाता। यह टेस्ट इसलिए होते हैं, ताकि हम यह जान सकें कि हमारा कौन सा अधिकारी या कर्मचारी कितना काबिल है और उसके आगे बढ़ने की कितनी संभावना है।
उन्होंने चंडीगढ़-पंचकूला में हरियाणा विधानसभा के नये भवन के लिए दावेदारी छोड़ने से जुड़े सवाल पर कहा कि यह हवा-हवाई है। हरियाणा का नई विधानसभा बनाने का प्रस्ताव कायम है। इस कार्य में देरी जरूर हो रही है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हरियाणा ने अपनी दावेदारी छोड़ दी है।
स्पीकर ने कहा कि लोकसभा के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ, जब हरियाणा के विधायक और मंत्री एकसाथ इकट्ठा होकर कार्यवाही देखने गये। सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने एक साथ लोकसभा की कार्यवाही देखी। वहां केंद्रीय मंत्रियों, लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति से मुलाकात हुई।
एमएलए हास्टल का नवीनीकरण और नये निर्माण का प्रस्ताव
हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र 18 दिसंबर से आरंभ होकर 22 दिसंबर तक चलेगा। अभी विपक्ष की ओर से कोई ध्यानाकर्षण अथवा काम रोको प्रस्ताव विधानसभा सचिवालय को नहीं भेजा गया है, लेकिन विधायकों ने सदन में पूछने के लिए सवाल जरूर भेजने शुरू कर दिए हैं।
विधानसभा सत्र की अवधि कितने दिन की होगी, इसकी मंजूरी बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में तय की जाएगी। विधानसभा स्पीकर हरविंद्र कल्याण ने बताया कि चंडीगढ़ में एमएलए हास्टल का नवीनीकरण व जरूरत के हिसाब से नये निर्माण का प्रस्ताव है।
विधानसभा के मौजूदा भवन को छोटा बताते हुए उन्होंने कहा कि हैरीटेज बिल्डिंग की वजह से नये निर्माण में समस्या आ रही है, लेकिन चंडीगढ़ प्रशासन को सुझाव दिया गया है कि वह बाहरी ढांचे में किसी तरह के बदलाव को छोड़कर आंतरिक बदलाव की रूपरेखा तैयार करने पर विचार करे। |