दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार को दिल्ली सचिवालय में दिल्ली फायर सर्विस (डीएफएस) की समीक्षा बैठक ली। बैठक में कैबिनेट मंत्री आशीष सूद, मुख्य सचिव राजीव वर्मा, फायर सर्विस विभाग और विधि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
बैठक में उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि आग से सुरक्षा से संबंधित एनओसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र) जारी करने की प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी और सुगम बनाया जाए ताकि होटल, रेस्तरां, नाइट क्लब, मल्टीप्लेक्स और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों आदि को अनावश्यक परेशानी का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि एनओसी प्रणाली का उद्देश्य व्यापारियों को हतोत्साहित करना नहीं, बल्कि लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
फायर विभग को मिल रहे आधुनिक उपकरण
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि फायर विभाग को सभी प्रकार के आधुनिक उपकरणों आदि से सज्जित किया जा रहा है। विभाग के पास किसी भी प्रकार के संसाधन की जरूरत है तो सरकार को सूचित करें। सरकार उसे उपलब्ध कराएगी।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि यदि किसी नियम के कारण वास्तविक आवेदकों को कठिनाई हो रही है, तो उसे तुरंत सरकार के संज्ञान में लाया जाए ताकि सुधारात्मक कदम उठाए जा सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि एनओसी जारी करने की प्रक्रिया में किसी प्रकार की अस्पष्टता या अनावश्यक विलंब नहीं होना चाहिए।
लाइसेंस देने की प्रणाली में साफ, सरल और समयबद्ध व्यवस्था होनी चाहिए ताकि व्यापारियों को बार-बार दफ्तरों के चक्कर न लगाने पड़ें। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि दिल्ली की अग्निशमन व्यवस्था आधुनिक, दक्ष और नागरिकों का विश्वास जीतने वाली बने।
गोवा हादसे पर जताई चिंता
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने गोवा में नाइट क्लब में लगी आग की घटना का उल्लेख करते हुए गहरी चिंता व्यक्त की, जिसमें 25 लोगों की मृत्यु हुई। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं चेतावनी हैं कि दिल्ली को हर समय सतर्क रहना होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि बड़े आयोजनों, होटल, रेस्टोरेंट और क्लबों में सुरक्षा मानकों की नियमित जांच बेहद आवश्यक है, ताकि ऐसे हादसों को पहले ही रोका जा सके।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जिन प्रतिष्ठानों में अग्नि सुरक्षा उपकरण नहीं हैं या मानकों का उल्लंघन किया जा रहा है, उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि फायर सेफ्टी केवल विभाग की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि सभी प्रतिष्ठान मालिकों की सामूहिक जिम्मेदारी है कि वे अपने परिसर में आग से सुरक्षा के सभी उपाय सुनिश्चित करें। |