रैली-भाषण छोड़ सोशल मीडिया बना चुनावी जंग का अखाड़ा
मुकेश कुमार श्रीवास्तव, दरभंगा। विधानसभा चुनाव में अभी समय है। लेकिन, कोई प्रतीक्षा नहीं कर रहा है।दलीय प्रत्याशी क्षेत्र की खाक तो छान ही रहे हैं, इंटरनेट मीडिया पर भी अत्यधिक सक्रिय हैं। अपने पांच वर्ष के कार्यकाल को लेकर दावे बढ़ चढ़कर ठोके जा रहे हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इतना ही नहीं आगामी चुनाव के लिए वादों के भी लंबी-चौड़ी फेहरिस्त अपने पोस्ट में शामिल कर रहे हैं। लेकिन, जनता भी पीछे नहीं है। वह नेताजी के मीडिया पोस्ट को पूरी तरह से परख रही है, जहां लगता है कि नेताजी फेंक रहे हैं, वहां जमकर ट्रोल करने से पीछे नहीं रह रहे हैं।
भ्रष्टाचार पर नेताजी को घेरने का काम
सड़क जाम, जलजमाव, जर्जर सड़क, गंदगी और भ्रष्टाचार पर नेताजी को घेरने का काम कर रहे हैं। इतना ही नहीं कई तस्वीर डालकर आइना दिखाने का भी काम कर रहे हैं। ऐसे में नेताजी के कुछ समर्थक भी कूद पड़ते हैं और पक्ष में पोस्ट करने लगते हैं।
आश्चर्य की बात यह कि समर्थक लगभग सभी पोस्ट में सामान ही दिख रहे हैं। इससे समर्थक आइना दिखाने वाले के निशाने पर होते हैं। पोस्ट में चुनाव में सबक सिखाने की चेतावनी तक भी दे रहे हैं।
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पोस्ट करने के बाद नेताजी मौन
हालांकि, पूरी गतिविधि पर नेताजी की कोई प्रतिक्रिया देखने को नहीं मिल रही है। एक तरह से अपनी उपलब्धी और प्रचार-प्रचार को पोस्ट करने के बाद वे मौन हो जाते हैं। उनके जगह समर्थक विकास से लेकर राष्ट्रीयता का पाठ पढ़ाने में पीछे नहीं रहे हैं।
हालांकि, सोशल मीडिया पर जिस तरह से पोस्ट की जंग चल रही है उससे नेताजी की परेशानी बढ़े अथवा घटे, लेकिन यह चुनाव प्रचार प्रसार का एक मजबूत माध्यम बन गया है। जिस पर सभी नेताजी को काफी विश्वास है।
विरोधियों के देते हैं समर्थक जवाब
यही कारण है लगातार ट्रोल होने के बाद भी नेताजी अपने साथ तकनीकी जानकार कई कर्मी को साथ लेकर चलते हैं। जो तस्वीर खींचने के साथ इंटरनेट मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर ना सिर्फ पोस्ट करते हैं बल्कि, विरोध में लिखने वालों को अपने समर्थकों के माध्यम से जवाब भी दिलाने का काम करते हैं।
कोई जय हो लिखते हैं तो कोई अपने नेताजी को आने वाले समय में मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं। लेकिन, आम लोग जो बदहाली की तस्वीर के साथ आइना दिखा रहे हैं, उसकी हर ओर चर्चा हो रही है। लोगों का कहना है कि जनता भी अब जागरूक हो गई है। चुनाव में नेताजी को हिसाब तो देना ही होगा। |