बेल्जियम में आखिरी दांव भी हारा मेहुल चोकसी, भारत लाने का रास्ता साफ (फाइल फोटो)
एएनआइ, ब्रसेल्स। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) धोखाधड़ी के मुख्य आरोपित मेहुल चोकसी को भारत लाने की दिशा में बड़ी प्रगति हुई है। बेल्जियम के सुप्रीम कोर्ट (कोर्ट आफ कैसेशन) ने एंटवर्प कोर्ट आफ अपील्स के फैसले के खिलाफ चोकसी की अपील खारिज कर दी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अधिकारियों ने पुष्टि की कि अब सभी औपचारिकताओं के बाद प्रत्यर्पण आदेश पर अमल किया जा सकता है। उसे कभी भी भारत लाया जा सकता है। अधिकारियों के अनुसार, चोकसी ने 30 अक्टूबर को कोर्ट आफ कैसेशन में अपील दायर की थी, जिसमें 17 अक्टूबर के फैसले को चुनौती दी गई थी।
सुप्रीम कोर्ट केवल कानूनी पहलुओं की जांच करता है, और इसी दायरे में चोकसी की अपील को निरस्त कर दिया गया। इसकेसाथ ही प्रत्यर्पण आदेश पर लगी अस्थायी रोक भी समाप्त हो गई है।चोकसी पर आरोपों को माना गंभीर एंटवर्प कोर्ट ने पहले ही भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध को उचित ठहराया था।
अदालत ने पाया था कि चोकसी पर लगाए गए आरोप- अपराध की साजिश, धोखाधड़ी, गबन और जालसाजी- भारतीय कानून के तहत दंडनीय हैं और बेल्जियम कानून में भी इनके समकक्ष अपराध मौजूद हैं, जो दोहरी आपराधिकता की शर्त को पूरा करता है। हालांकि आइपीसी कीधारा 201 (सुबूत मिटाने) के समान बेल्जियम में कोई प्रावधान नहीं होने के कारण यह आरोप बाहर रखा गया।
राजनीतिक उत्पीड़न की भी चाल पड़ी उलटी अदालत ने चोकसी के राजनीतिक उत्पीड़न के दावों और एंटीगा से कथिततौर पर अपहरण जैसी आरोपों को भी आधारहीन बताया। भारतीय अधिकारियों ने उसके स्वास्थ्य और सुविधाओं को लेकर विस्तृत आश्वासन दिए थे।
अदालत ने नोट किया कि चोकसी को मुंबई की आर्थर रोड जेल की बैरक संख्या 12 में रखा जाएगा, जहां निजी स्वच्छता सुविधाएं उपलब्ध हैं और मेडिकल जरूरतों व अदालत पेशी के अलावा आवागमन सीमित रहेगा।
चोकसी को 11 अप्रैल 2025 को एंटवर्प में भारत के आधिकारिक अनुरोध के बाद गिरफ्तार कियागया था। वह अपने भतीजे नीरव मोदी के साथ लगभग 13,000 करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले में आरोपी है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा अंतिम चुनौती भी खारिज किए जाने के बाद बेल्जियम अधिकारियों ने कहा है कि अब प्रत्यर्पण प्रक्रिया आगे बढ़ाने में कोई बाधा नहीं है, जिससे भारत, चोकसी की वापसी के पहले से कहीं अधिक करीब पहुंच गया है। |