सरकार ने दूरी के अनुसार अधिकतम किराया भी निर्धारित किया था।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। हाल ही में इंडिगो एयरलाइंस के संकट के दौरान विभिन्न विमानन कंपनियों द्वारा यात्रियों से मनमाना किराया वसूलने की कई शिकायतें आई थीं। इस पर सरकार ने सख्त हिदायत दी थी कि विमानन कंपनियां यात्रियों से मनमाना किराया न वसूलें। इसके साथ ही, सरकार ने दूरी के अनुसार अधिकतम किराया भी निर्धारित किया था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
रविवार को इस नियम का प्रभाव देखने को नहीं मिला, लेकिन सोमवार के बाद विमानन कंपनियों ने किराए में कटौती की है। यदि हम शुक्रवार के किराए पर नजर डालें, तो वाराणसी से दिल्ली का इंडिगो का किराया 3498 रुपये है, जबकि एयर इंडिया एक्सप्रेस का किराया 4598 रुपये और स्पाइस जेट का किराया 5960 रुपये है। इसी प्रकार, अन्य एयरलाइंस का किराया भी 5000 से 6000 रुपये के बीच है।
वाराणसी से हैदराबाद के लिए स्पाइस जेट का किराया 9930 रुपये है, जबकि एयर इंडिया एक्सप्रेस का किराया 11830 रुपये है। अन्य एयरलाइंस का किराया भी 9000 से 13000 रुपये के बीच है।
वाराणसी से मुंबई का किराया 15000 से 16000 रुपये के बीच है, जबकि वाराणसी से कोलकाता का किराया 6000 से 7000 रुपये के बीच है। वाराणसी से बैंगलुरु का किराया 16000 से 18000 रुपये और वाराणसी से पुणे का किराया 10000 से 12000 रुपये के बीच है।
यह ध्यान देने योग्य है कि इंडिगो संकट के दौरान इन शहरों के लिए किराया 50000 रुपये या इससे अधिक तक पहुंच गया था, जिसके बाद सरकार को हस्तक्षेप करना पड़ा। इंडिगो संकट और बढ़ते हवाई किरायों के बीच, सरकार ने घरेलू उड़ानों के किराए की अधिकतम सीमा तय कर दी है। यह नियम 6 दिसंबर 2025 से तुरंत लागू हो गया है।
अब 500 किलोमीटर तक की यात्रा पर अधिकतम किराया 7500 रुपये, 500 से 1000 किलोमीटर पर 12000 रुपये, 1000 से 1500 किलोमीटर पर 15000 रुपये और 1500 किलोमीटर से अधिक की यात्रा पर 18000 रुपये तक का अधिकतम किराया ही वसूला जा सकता है। इस कीमत में UDF, PSF और टैक्स शामिल नहीं हैं। यह सीमा बिजनेस क्लास और UDAN फ्लाइट्स पर लागू नहीं होगी।
सरकार के नए नियमों के अनुसार, विमानन कंपनियों ने अपने किराए में कटौती की है, जिससे यात्रियों को राहत मिली है। यह कदम न केवल यात्रियों के हित में है, बल्कि विमानन क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा को भी बढ़ावा देगा। सरकार की सख्ती के बाद विमान किराए में सुधार हुआ है, जिससे यात्रियों को उचित दरों पर यात्रा करने का अवसर मिल रहा है।
यह कदम निश्चित रूप से विमानन उद्योग के लिए एक सकारात्मक संकेत है और यात्रियों के लिए एक सुखद अनुभव प्रदान करेगा। इस प्रकार, सरकार की पहल ने विमानन क्षेत्र में एक नई दिशा दी है, जिससे यात्रियों को राहत मिली है और विमानन कंपनियों को भी अपनी नीतियों में सुधार करने का अवसर मिला है। |