केंद्रीय विश्वविद्यालय दक्षिण बिहार (सीयूएसबी)
संवाद सहयोगी, टिकारी (गया)। केंद्रीय विश्वविद्यालय दक्षिण बिहार (सीयूएसबी) ने शैक्षणिक सत्र 2025 के लिए पीएचडी पाठ्यक्रमों में नामांकन हेतु विशेष प्रवेश परीक्षा की घोषणा की है। 11 विषयों में कुल 133 सीटों के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। यह विशेष प्रवेश प्रक्रिया उन सीटों को भरने के लिए शुरू की गई है, जो यूजीसी-नेट, सीएसआईआर-नेट, गेट, जीपैट, सीईईडी आदि राष्ट्रीय परीक्षाओं से चयनित अभ्यर्थियों के नामांकन के बाद रिक्त रह गई हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय का उद्देश्य है कि पीएचडी की सभी सीटें योग्य और शोध-उन्मुख छात्रों से भर सकें, जिससे शोध कार्य की गुणवत्ता और गति दोनों में सुधार हो।
133 सीटों में से 09 सीटें पीडब्ल्यूडी अभ्यर्थियों के लिए क्षैतिज आरक्षण के तहत सुरक्षित रखी गई हैं।
परीक्षा नियंत्रक (सीओई) डॉ. शांतिगोपाल पाइन ने बताया कि पात्र और इच्छुक उम्मीदवार 15 दिसंबर तक विश्वविद्यालय के प्रवेश पोर्टल https://cusbadm.samarth.edu.in के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
लिखित प्रवेश परीक्षा 22 दिसंबर को पंचानपुर स्थित सीयूएसबी कैंपस में आयोजित की जाएगी। परीक्षा में अनारक्षित वर्ग के लिए 50 प्रतिशत तथा ओबीसी, एससी, एसटी, ईडब्ल्यूएस और पीडब्ल्यूडी श्रेणी के लिए 45 प्रतिशत अंक अनिवार्य रूप से प्राप्त करने होंगे।
लिखित परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा, जिसके बाद अंतिम चयन सूची जारी की जाएगी।
पीआरओ मोहम्मद मुदस्सीर आलम ने बताया कि इस बार लाइफ साइंस, एनवायरमेंटल साइंस, बायोटेक्नोलॉजी, बायोइनफॉर्मेटिक्स, कंप्यूटर साइंस, गणित, भौतिकी, रसायन विज्ञान, भूविज्ञान, फार्मेसी और शिक्षक शिक्षा विषयों में सीटें निर्धारित की गई हैं।
आवेदन शुल्क सामान्य और ईडब्ल्यूएस वर्ग के लिए 1000 रुपये तथा ओबीसी, एससी, एसटी और पीडब्ल्यूडी वर्ग के लिए 750 रुपये रखा गया है।
उप कुलसचिव कुमार कौशल ने अभ्यर्थियों को सलाह दी है कि आवेदन करने से पहले विश्वविद्यालय की वेबसाइट www.cusb.ac.in पर उपलब्ध विस्तृत दिशा-निर्देश और पात्रता मानदंड अवश्य पढ़ें, जिससे आवेदन प्रक्रिया में कोई त्रुटि न हो।
विश्वविद्यालय प्रशासन का मानना है कि विशेष प्रवेश परीक्षा से शोध कार्यों में व्यापक भागीदारी बढ़ेगी और विभिन्न विषयों में गुणवत्तापूर्ण शोध को बढ़ावा मिलेगा। |