नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Trump Tariff) ने भारत पर 50 फीसदी टैरिफ रूस से तेल खरीदने के मुद्दे पर लगाया, यह जगजाहिर है। लेकिन, आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने एक अलग तर्क दिया है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए भारी टैरिफ का रूस से तेल खरीद से कोई लेना-देना नहीं है। यूबीएस सेंटर फ़ोरम फ़ॉर इकोनॉमिक डायलॉग में बोलते हुए, उन्होंने कहा कि यह विवाद “व्यक्तियों“ और भारत-पाकिस्तान तनाव कम करने के श्रेय को लेकर कूटनीतिक असहमति से उपजा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
रघुराम राजन ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि रूस से तेल ख़रीद कभी भी बड़ा मुद्दा रहा है। आपने कल ही देखा, ट्रंप ने हंगरी में विक्टर ओरबान द्वारा तेल ख़रीद को माफ़ कर दिया - यह ठीक है। मुझे नहीं लगता कि यह कोई मुद्दा था।“
सीजफायर का \“श्रेय\“ बना कारण
रघुराम राजन ने बताया कि टैरिफ़ की शुरुआत इस बात पर हुई कि ट्रंप द्वारा भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष रोकने का श्रेय लेने के बाद व्हाइट हाउस ने भारत के रुख़ पर कैसी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “मुख्य मुद्दा कई हस्तियों का था, खासकर व्हाइट हाउस में एक शख्सियत का, और ट्रंप द्वारा भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष रोकने का श्रेय लेने के बाद भारत द्वारा की गई कुछ टिप्पणियों के साथ उन्होंने कैसा व्यवहार किया।“
“Pakistan played Trump the right way. They said the ceasefire was due to Trump. India said the deal was reached without him. The net effect is that Pakistan has a 19% tariff and India has a 50% tariff,“ says Raghuram Rajan pic.twitter.com/tLLtqubHcy — Shashank Mattoo (@MattooShashank) December 8, 2025
पाकिस्तान ने ट्रंप को दिया क्रेडिट
उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान ने सार्वजनिक रूप से संकट को रोकने के लिए ट्रंप को श्रेय दिया, जबकि भारत का कहना था कि युद्धविराम सैन्य नेताओं के बीच सीधे संवाद का नतीजा था। राजन ने कहा, “पाकिस्तान ने सही रास्ता अपनाया। पाकिस्तान ने कहा कि यह सब अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की वजह से हुआ।
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लेकिन, भारत ने यह तर्क देने की कोशिश की कि दोनों देश ट्रंप के बिना ही समझौते पर पहुँच गए थे। सच्चाई शायद कहीं बीच में है। लेकिन, कुल मिलाकर असर यह हुआ कि भारत को 50% टैरिफ मिला, जबकि पाकिस्तान को 19%।“ |