18 वर्षीय वंश जिसने एनडीए की परीक्षा पास कर अपने सपनों को उड़ान दी है।  
 
  
 
  
 
वेद शर्मा, मोहाली। नवोदय विद्यालय में पढ़ते समय पठानकोट एयरबेस से फाइटर जेट प्लेन को उड़ते देख मन करता था कि क्या इनको मैं भी उड़ा पाऊंगा। इस सपने को अपनी कड़ी मेहनत से सच में बदलने की ओर अग्रसर हैं 18 वर्षीय वंश। वंश के पिता मैकेनिक हैं और महीने में मुश्किल से आठ हजार रुपये कमा पाते हैं। परिवार में कोई सरकारी नौकरी पर भी नहीं, लेकिन वंश अपने सपनों को अब नई उड़ान देने जा रहे हैं। गुरदासपुर के गांव लहल के रहने वाले इस होनहार ने एनडीए की परीक्षा पास कर ली है।  विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
  
 
पिछले दिनों महाराजा रणजीत सिंह आर्म्ड फोर्स प्रिपेरेटरी इंस्टीट्यूट सेक्टर-77 के 57 कैडेट्स में से 47 ने एनडीए की लिखित परीक्षा पास की थी, जिनमें वंश भी शामिल है। वह कहते हैं कि पढ़ाई के प्रति उनका लगाव और गरीबी के कारण मां-बाप की मेहनत से ली हुई शिक्षा के कारण वह यह परीक्षा पास कर पाए हैं।  
 
वंश ने बताया कि कुछ समय पहले तक उनके परिवार के पास रहने के लिए पक्का मकान भी नहीं था, लेकिन फिर भी उनके पिता ने उन्हें कभी भी जिंदगी में किसी भी तरह की कोई कमी महसूस नहीं होने दी और अब वह भारतीय सेवा में अफसर बनकर देश की सेवा करना चाहते हैं। साथ ही अपने मां-बाप जो अब तक कड़ी मेहनत कर रहे हैं उन्हें भी आराम देना चाहते हैं।  
 
  
नवोदय स्कूल की परीक्षा पास कर मिला हौसला  
 
वंश के पिता संदीप कुमार मोटरसाइकिल मरम्मत का काम करते हैं, जबकि माता सुषमा रानी ग्रहणी है। वंश बताते हैं कि उनके पिता का सपना था कि बेटा अच्छी पढ़ाई कर बड़ा अफसर बने। जब नवोदय विद्यालय पठानकोट की परीक्षा पास की  थी, तब लगा कि वह जिंदगी में कुछ कर सकते हैं। 2024 में दसवीं परीक्षा में 97.4 प्रतिशत अंक हासिल किए। इसके बाद उनका दाखिला महाराजा रणजीत सिंह आर्म्ड फोर्सज प्रिपेरेटरी इंस्टीट्यूट में हो गया था। अब यहां पर तैयारी के साथ-साथ शेमराॅक सीनियर सेकेंडरी स्कूल से 12 वीं की परीक्षा दे रहे हैं।  
 
  
भारतीय वायु सेना में जाने का देखा था सपना  
 
वंश 2019 में छठवीं कक्षा से ही नवोदय विद्यालय पठानकोट में पढ़ाई कर रहे हैं। यहां एयरफोर्स स्टेशन से अक्सर फाइटर जेट उड़ते हुए दिखाई देते थे। इनको देखते हुए उसने ठाना की वह भी भारतीय वायु सेवा में जाएंगे और इस तरह के फाइटर जेट उड़ाएंगे। पिछले दिनों मिग-21 के विदाई समारोह के दौरान उन्होंने एयर चीफ मार्शल एपी सिंह से भी मुलाकात की थी। इसके बाद उनका हौसला और भी बढ़ गया है। वंश की एक छोटी बहन है जिसको वह जज बनना चाहते हैं। |