डॉक्टरों ने गर्म कपड़े पहनने और तरल पदार्थ लेने की सलाह दी गई है।
संवाद सहयोगी, सुंदरबनी। क्षेत्र में इस बार ठंड की शुरुआत शुष्क मौसम के साथ होने से स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ रहा है। बारिश न होने और वातावरण में नमी की कमी के चलते सर्दी-जुकाम, गले में खराश और वायरल बुखार के मामलों में तेज बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
स्थिति यह है कि सुंदरबनी के विभिन्न सरकारी व निजी अस्पतालों में ओपीडी का अधिकांश भार अब सर्दी-जुकाम से पीड़ित मरीजों पर ही आ रहा है। डॉक्टरों के अनुसार, मौसम में बढ़ी सूखी ठंड शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को तेजी से प्रभावित कर रही है।
सुंदरबनी व कई क्षेत्रों के सरकारी अस्पतालों में मरीजों की संख्या अचानक दोगुनी हो गई है। मेडिकल अधिकारियों के मुताबिक, ओपीडी में आने वाले हर 10 मरीजों में से 9 मरीज सर्दी-जुकाम, तेज बुखार, गले में दर्द, सिरदर्द और खांसी से ग्रस्त पाए जा रहे हैं।
बीमारी के फैलने की सबसे बड़ी वजह बारिश की कमी
खासतौर पर बच्चे, बुजुर्ग और पहले से बीमार लोग इस बदलते मौसम के ज्यादा शिकार हो रहे हैं। सुंदरबनी ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ. मीना कुमारी ने बताया कि इस समय बीमारी के फैलने की सबसे बड़ी वजह बारिश की कमी है, जिसके कारण सूखी ठंड ने लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है।
उन्होंने कहा कि रात के समय तापमान तेजी से नीचे जा रहा है, लेकिन दिन में हल्की गर्माहट बनी रहती है, जिससे शरीर मौसम के उतार-चढ़ाव के अनुसार खुद को एडजस्ट नहीं कर पा रहा। यह स्थिति खासकर सर्दी-जुकाम और वायरल बुखार को बढ़ावा दे रही है।
उन्होंने आगे बताया कि कई मरीज गंभीर गले की इंफेक्शन, सांस लेने में तकलीफ, सीने में जमाव और लगातार आने वाले तेज बुखार की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। डॉक्टरों ने सलाह दी है कि ऐसे मौसम में लोगों को खुद की सुरक्षा को प्राथमिकता देने की जरूरत है।
ठंड में बाहर निकलते समय पूरी तरह से गर्म कपड़े पहनें
डॉक्टरों ने कहा कि सुबह-शाम हल्की ठंड में बाहर निकलते समय पूरी तरह से गर्म कपड़े पहनें, बच्चों को ठंडी हवा से बचाकर रखें, धूल-धुआं से दूरी बनाएं और भीड़भाड़ वाले स्थानों में मास्क जरूर लगाएं क्योंकि वायरल संक्रमण तेजी से एक-दूसरे में फैलता है। इसके अलावा घर में गुनगुना पानी पीना, हल्का भोजन लेना, भाप लेना और संतुलित खान-पान रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है।
बीएमओ ने लोगों को चेताया कि लगातार बुखार, बदन दर्द, सांस में दिक्कत, या बच्चों में खांसी बढ़ने पर तुरंत अस्पताल पहुंचकर इलाज लें। उन्होंने कहा कि दवाएं खुद से लेना या घरेलू नुस्खों पर ज्यादा निर्भर रहना कई बार बीमारी को बढ़ा देता है।
अस्पताल प्रशासन ने भी ओपीडी में बढ़ती भीड़ के मद्देनजर अतिरिक्त स्टाफ तैनात करने और दवाओं का पर्याप्त स्टॉक रखने के निर्देश दिए हैं। डॉक्टरों का कहना है कि आने वाले सप्ताहों में ठंड और बढ़ेगी, ऐसे में लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है ताकि इस मौसमी वायरस का असर कम किया जा सके। |