जागरण संवाददाता, अलीगढ़। तस्वीर महल स्थित पार्क में मांस पकने की सूचना पर पहुंची करणी सेना के नेताओं ने महिलाओं का रोहिंग्या होने के अंदेशे से पुलिस को सूचित कर दिया। इस सूचना ने पुलिस अधिकारियों में खलबली मचा दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने छानबीन शुरू की। काफी देर चली जांच में मिले दस्तावेजों से महिलाओं का ताल्लुक बिहार से होना पाया गया। उसके बाद उन्हें हिदायत देकर छोड़ दिया गया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सिविल लाइन क्षेत्र के प्रमुख चौराहा तस्वीर महल स्थित राजा महेंद्र प्रताप पार्क की घटना है। बुधवार को करणी सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ज्ञानेंद्र सिंह चौहान तस्वीर महल चौराहा पर आए। उन्होंने बताया कि वह किसी काम से पहुंचे थे, तभी उनकी नजर पार्क में पक रहे मांस पर गई। यहां चार महिलाएं ऐसा कर रही थीं। उन्हें सार्वजनिक स्थान पर मांस पकाने से मना किया तो उन्होंने कहा कि वह काफी समय से ऐसा कर रही हैं। किसी ने कभी नहीं टोका।
रोहिंग्या के होने की आशंका पर पुलिस को दी सूचना
उनकी भाषा से लग रहा था कि वह कहीं बाहर की हैं। रोहिंग्या के होने की आशंका पर पुलिस को सूचित कर दिया था। मौके पर पहुंची पुलिस ने महिलाओं से पूछताछ की। जांच के चलते उन्हें चारों को थाने ले गए। जांच में पाया गया कि महिलाएं बिहार से ताल्लुक रखती हैं।
एक महिला का भागलपुर का आधार कार्ड भी मिला। उसने बताया कि उसके माता-पिता भागलपुर से अलीगढ़ आ गए थे। उसका यहीं जन्म हुआ था और फिर यहीं शादी हो गई। जलालपुर धनीपुरमंडी के पास रहते थे। ससुरालियों व पति ने मकान बेच दिया, उसके बाद वे कठपुला के पास झुग्गियों में रहने लगे। काफी देर चली जांच में उनके बिहार से ताल्लुक होने की पुष्टि होने के बाद छोड़ दिया गया।
रहने की व्यवस्था न हो पाने की वजह से ये बच्चों के साथ खानाबदोश जीवन जी रही हैं। सीओ तृतीय सर्वम सिंह ने बताया कि इनमें कुछ महिलाएं लंबे समय से कठपुला के पास झुग्गियों में रह रही हैं। आधार कार्ड भी मिला है। उनके स्वजन को बुलाकर हिदायत दी गई है। महिलाओं को स्वजन के साथ भेज दिया है।