जम्मू-कश्मीर कैबिनेट बैठक में कई विभागों के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
डिजिटल डेस्क, जम्मू। JammuKashmirNews: जम्मू-कश्मीर कैबिनेट की आज सुबह यहां मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की अध्यक्षता में बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। बैठक में सड़क एवं भवन निर्माण विभाग (R&B) में प्रमोशन और एनिमल प्रोटेक्शन बोर्ड बनाने समेत कई विभागीय प्रस्तावों को मंज़ूरी दी गई। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
हालांकि इस बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए उमर अब्दुल्ला ने अपनी सरकार के हाल के फैसलों का मजबूती से बचाव किया और जरूरी प्रशासनिक व राजनीतिक मामलों में पूरी स्पष्टता निष्पक्षता और पारदर्शिता पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि आज की बैठक में कैबिनेट ने 22 एजेंडा बिंदुओं पर चर्चा की और फैसले लिए हैं।
वहीं सीनियर अधिकारियों ने बताया कि सुबह 9 बजे मुख्यमंत्री के जम्मू घर पर हुई कैबिनेट बैठक में गवर्नेंस और डेवलपमेंट से जुड़े कई प्रशासनिक मामलों पर चर्चा हुई। बातचीत के दौरान बिजली, आरक्षण और सर्दियों की तैयारी से जुड़े मुद्दे भी उठे।
कैबिनेट ने 22 एजेंडा बिंदुओं पर की चर्चा
आरएंडबी विभाग में ऑफिसर कैडर के प्रमोशन और सर्विस से जुड़े मामलों के एक प्रस्ताव को डिटेल में चर्चा के बाद मंज़ूरी मिल गई। जबकि लाइवस्टॉक और फिशरीज़ सेक्टर में काम करने वाली कोऑपरेटिव सोसायटियों को मज़बूत करने के लिए फाइनेंशियल एलोकेशन को भी मंजूरी दे दी गई।
कैबिनेट मंत्री जावेद राणा ने बैठक के बाद पत्रकारों को बताया कि कैबिनेट ने 22 एजेंडा बिंदुओं पर चर्चा की। कई एजेंडा आइटम को मंज़ूरी दी गई, जिसमें पेंडिंग प्रशासनिक मामलों को समय पर सुलझाने पर फोकस किया गया। “कुछ छोटे-मोटे मुद्दों पर चर्चा हुई। लेकिन मुख्य एजेंडा आरएंडबी विभाग के अधिकारियों का प्रमोशन और प्रस्ताव था। उनकी सीनियारिटी कन्फर्मेशन पर अब सहमति हो गई है।”
एनिमल प्रोटेक्शन बोर्ड बनाने को मिली मंज़ूरी
उन्होंने आगे कहा, “इसी तरह, हमारे पुलों और मछुआरों के समुदाय के लिए भी मैंने एक रिकमेंडेशन दी थी। कोऑपरेटिव सोसायटीज उन्हें सपोर्ट करने में अहम भूमिका निभाती हैं और इन सोसाइटीज़ को मज़बूत करने के लिए फंड दिए गए हैं।” उन्होंने कहा कि कैबिनेट ने जानवरों से जुड़े नियमों और वेलफेयर सिस्टम को आसान बनाने के लिए एनिमल प्रोटेक्शन बोर्ड बनाने को भी मंज़ूरी दी।
दिहाड़ीदार मजदूरों के मुद्दे पर भी हुई चर्चा
राणा ने बताया कि डिपार्टमेंट्स में दिहाड़ी मज़दूरों के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। उन्होंने कहा, “चीफ सेक्रेटरी को जल्द से जल्द एक रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया गया है क्योंकि अलग-अलग कैटेगरी के दिहाड़ी मज़दूरों से जुड़ा एक बड़ा मुद्दा है। सरकार की उनके प्रति ज़िम्मेदारी है और हम चाहते हैं कि न्याय हो।” सूत्रों ने बताया कि मीटिंग पेंडिंग डिपार्टमेंटल रिपोर्ट्स को तेज़ी से जमा करने और आज लिए गए सभी फैसलों को बिना किसी देरी के लागू करने के निर्देशों के साथ खत्म हुई। उन्होंने कहा, “यह मामला अब लेफ्टिनेंट गवर्नर को भेजा जाएगा। मैं इस समय डिटेल्स शेयर नहीं कर सकता।“ |