deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

वाराणसी में एसआइआर के बाद शहरी क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या घटेगी, मुस्लिम मतदाता अधिक सतर्क

LHC0088 2025-12-3 16:11:01 views 222

  

एसआइआर में मुस्लिम मतदाता अधिक सतर्क दिख रहे हैं।



जागरण संवाददाता, वाराणसी। विधानसभा मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) को लेकर कुछ मतदाता निष्क्रिय तो वहीं कुछ गंभीर दिख रहे हैं। गांव व शहर की मतदाता सूची में शामिल लोग अब गांव में वोटर बनने को ज्यादा वरीयता दे रहे हैं।  विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

इसके पीछे मुख्य वजह गांव में खेती-बाड़ी, मकान आदि के साथ ही अपनी पुश्तैनी पहचान को बनाए रखने की चेष्टा है। दूसरी सोच यह भी है कि अगर एक देश एक चुनाव, एक मतदाता सूची प्रभावी हुई तो गांव में वोटर बने रहना शहर की तुलना में ज्यादा फायदेमंद होगा क्योंकि गांव ही मूल है। निर्वाचन आयोग का निर्देश कि अगर आप दो जगह वोटर होंगे तो आपके खिलाफ कार्रवाई होगी।

यह डर भी लोगों को सता रहा है। इस कारण लोग शहर की अपेक्षा एसआइआर का गणना प्रपत्र अपने गांव से ज्यादा संख्या में भर रहे हैं। ज्यादा आबादी गांव से आकर बसी है। आसपास के अलावा पूर्वांचल के अन्य जिले व बिहार की आबादी यहां ज्यादा है। फिलहाल, एसआइआर के गणना प्रपत्र वितरण व डिजिटाइजेशन इस बात का संकेत दे रहा है कि इस अभियान में गांव की सहभागिता शहर की तुलना में ज्यादा है।

वाराणसी में तीन विधानसभा क्षेत्र पिंडरा, अजगरा व सेवापुरी पूरी तरह ग्रामीण है। इन तीनों विधानसभा में सोमवार तक के निर्वाचन कार्यालय के आंकड़े के मुताबिक पिंडरा में डिजिटाइजेशन 71.66, अजगरा में 77.45 व सेवापुरी में 70.58 प्रतिशत हो चुका है। शहरी क्षेत्र से जुड़े विधानसभा क्षेत्रों दक्षिणी में 53.66, उत्तरी में 48.92, कैंट में 49.3 व शिवपुर में 68.42 प्रतिशत डिजिटाइजेशन हुआ है। यह इस बात का संकेत दे रहा है कि शहरी क्षेत्र में फार्म भरने में लोग रुचि नहीं दिखा रहे हैं जबकि गांव में यह संख्या बढ़ती जा रही है।  

मुस्लिम वोटर सर्वाधिक सतर्क

वाराणसी में एसआइआर में मैपिंग को लेकर दक्षिणी विधानसभा की स्थिति अच्छी है। नो मैपिंग वोटरों की संख्या यहां सिर्फ 64.76 प्रतिशत ही है। एसआइआर से जुडे गणना सहायकों का कहना है इस विधानसभा में मुस्लिम आबादी ज्यादा है। यह फार्म भरने को लेकर ज्यादा सतर्क हैं। फार्म में पूरा डिटेल दे रहे हैं। पुराने बाशिंदे इस विधानसभा में ज्यादा संख्या में होने के कारण जो भी फार्म भरे जा रहे हैं उसकी मैपिंग हो जा रही है।

एसआइआर प्रपत्र नहीं मिलने से परेशान  

एसआइआर प्रपत्र नहीं मिलने से शिवपुर विधानसभा क्षेत्र के घमहापुर गांव के कई लोग परेशान हैं। हाल यह कि वह बीएलओ से लगायत काशी विद्यापीठ विकास खंड कार्यालय का चक्कर लगा चुके हैं मगर गणना प्रपत्र अब तक नहीं मिल पाया। घमहापुर गांव के जितेंद्र कुमार, कृष्णा राम, आशा देवी, काजल देवी, रविंद्र राम समेत दर्जनभर लोगों को गणना प्रपत्र नहीं मिला। जबकि उक्त मतदाता 2024 में लोकसभा चुनाव में वोट दिए थे। इनका वोटर कार्ड भी बना हुआ है।  

एसआइआर में सहयोग के लिए प्रो. राजेश नामित

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ परिसर में रहने वाले अध्यापकों एवं कर्मचारियों का एसआइआर फार्म भरवाकर जमा करने में सहयोग के लिए संकायाध्यक्ष, छात्रकल्याण संकाय प्रो. राजेश मिश्र को नामित किया गया है। कुलसचिव डा. सुनीता पांडेय ने बताया कि कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी के आदेशानुसार प्रो. राजेश को नामित किया गया है।

एसआइआर के बाद शहरी क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या घटेगी

एसआइआर में नो मैपिंग (गणना प्रपत्र भरने के बाद इन वोटरों का 2003 की मतदाता सूची में किसी तरह प्रमाणित न होना) की सूची में ग्रामीण क्षेत्र के वोटर पूरी तरफ पास होते जा रहे हैं। जबकि शहरी क्षेत्र के वोटर उलझ रहे हैं। क्षेत्र पिंडरा में 54.11, अजगरा में 67.9 तो सेवापुरी में 54.41 प्रतिशत ही नो मैपिंग में हैं जबकि शहरी क्षेत्र के विधानसभा क्षेत्र कैंट में 84.31, उत्तरी में 78.31, रोहनिया में 82.84, शिवपुर में 71.79 प्रतिशत हैं। बताया जा रहा है कि इन लोगों को नोटिस जारी होनी तय है। जवाब सही नहीं मिला तो मतदाता सूची से नाम भी कटेगा। ऐसा हुआ तो शहरी क्षेत्र में वोटर घटेंगे।
like (0)
LHC0088Forum Veteran

Post a reply

loginto write comments

Explore interesting content

No related threads available.

LHC0088

He hasn't introduced himself yet.

410K

Threads

0

Posts

1210K

Credits

Forum Veteran

Credits
128925