जागरण संवाददाता, आगरा। बोगस फर्में बनाकर सरकार को राजस्व की क्षति पहुंचाने का बड़ा खेल राज्य वस्तु एवं सेवा कर (एसजीएसटी) ने शहर में पकड़ा है। केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) में पंजीकृत 20 फर्मों के विरुद्ध नवंबर में कार्रवाई की गई। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इन फर्मों ने वास्तविक आपूर्ति के बगैर कागजों में खरीद दिखाकर फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) पास आन कर और आइटीसी को कर से समायोजित कर 50 करोड़ रुपये से अधिक का गोलमाल किया। विभाग ने इन फर्मों को काली सूची में डालते हुए उनके विरुद्ध मुकदमे दर्ज कराए हैं।
एसजीएसटी ने अक्टूबर व नवंबर में लखनऊ मुख्यालय के निर्देश पर सीजीएसटी में पंजीकृत फर्मों की जांच की। दस्तावेजों में दर्शाए गए पतों पर न तो फर्में संचालित मिलीं और न उनके संचालकों के बारे में आस-पास के लोग जानकारी दे पाए। यह फर्में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बनाई गई थीं।
लोहामंंडी थाना में एक नवंबर को सात फर्जी फर्मों के विरुद्ध 15.38 करोड़ रुपये की आइटीसी पास आन करने पर मुकदमा दर्ज कराया था। इसके बाद 18 नवंबर को 10 बोगस फर्मोंं के विरुद्ध 18.27 करोड़ रुपये की आइटीसी पास आन करने पर मुकदमा दर्ज कराया गया।
इसके बाद तीन अन्य फर्मों के विरुद्ध नवंबर के अंतिम तीन दिनों में 16.73 करोड़ रुपये की आइटीसी के हेरफेर में मुकदमे दर्ज कराए गए। इन्होंने लखनऊ समेत प्रदेश के अन्य जिलों और पटना व झारखंड में पंजीकृत फर्मों को आइटीसी पास आन की थी, जिससे इनके पीछे संंगठित गिरोह के काम करने की आशंका जताई जा रही हैद।
अपर आयुक्त ग्रेड वन पंकज गांधी ने बताया कि जांच में पकड़ी गईं फर्में सीजीएसटी में पंजीकृत थीं। बोगस फर्मों की जांच राज्य स्तर पर गठित एसआइटी को स्थानांतरित होगी। विभाग अभी कई फर्मों की जांच कर रहा है।
जांच में पकड़ी गईं बोगस फर्में
ओम ट्रेडर्स, श्रीराम ट्रेडर्स, आरएस ट्रेडर्स, बालाजी ट्रेडर्स, आकाश ट्रेडर्स, सिंह ट्रेडर्स और पीके ट्रेडर्स, हिमांशु इंटरप्राइजेज, जाधव ट्रेडर्स, दिनेश ट्रेडर्स, प्रकाश ट्रेडर्स, संकल्प ट्रेडिंग, सवराज ट्रेडर्स, मूनलाइट ट्रेडर्स, अंश ट्रेडर्स, महेश ट्रेडर्स व एसके संस, मैसर्स जाधव ट्रेडर्स, संकल्प ट्रेडिंग कंपनी, मैसर्स जगदीश जी ट्रेडर्स।
करदेयता के निस्तारण में किया उपयाेग
बोगस फर्म से बिना वास्तविक आपूर्ति के केवल दस्तावेजों का आदान-प्रदान करते हुए बोगस आवक आपूर्ति (इनवर्ड सप्लाई) घोषित की गई।
आपूर्ति के सापेक्ष अर्जित आइटीसी को क्लेम किया गया है। मैसर्स जगदीश जी ट्रेडर्स ने अनुचित तरीके से क्लेम की गई बोगस आइटीसी का उपयोग अपनी बाह्य आपूर्ति (आउटवर्ड सप्लाई) की करदेयता के निस्तारण में करते हुए सरकार को 13.05 करोड़ रुपये के राजस्व की क्षति पहुंचाई। इसी तरह मैसर्स जाधव ट्रेडर्स ने अनुचित तरीके से अर्जित 3.60 करोड़ रुपये की आइटीसी का उपयोग अपनी करदेयता के निस्तारण में किया।
बायोमीट्रिक हो तो रुके फर्जीवाड़ा
एसजीएसटी में आनलाइन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन होता है। इसका अनुचित लाभ फर्जी फर्म बनाने वाले उठा रहे हैं। इस पर रोक लगाने को बायोमीट्रिक की व्यवस्था की जा सकती है।
सीए सौरभ अग्रवाल बताते हैं फर्मों के पंजीकरण में बायोमीट्रिक का प्रविधान किए जाने से पंजीकरण कराने वाले को कार्यालय आना पड़ेगा। इससे फर्जी दस्तावेजों के आधार पर फर्मों का पंजीकरण रुकेगा। सरकार को इस व्यवस्था को लागू करना चाहिए। |