स्मार्ट मीटर।
जागरण संवाददाता, हाथरस। स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं को स्मार्ट बनाने की जगह उनके घरों में अंधेरा कर रहे हैं। बिजली के बिल के कोई जानकारी नहीं मिल रही है और ना ही इसका कोई मैसेज भेजा जा रहा है। महीना पूरा हाेने से पूर्व ही बिजली काट दी जाती है। शहर ही नहीं ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं के साथ स्मार्ट मीटरों को परेशानी अधिक बढ़ गई हैं। दैनिक जागरण टीम की पड़ताल में उपभोक्ताओं ने स्मार्ट मीटर को लेकर अपनी समस्याओं को साझा किया। इससे लाभ कम नुकसान अधिक बताया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अधिक बिल आने से परेशान हैं उपभोक्ता, नहीं हो रहा समाधान
उपभोक्ताओं को स्मार्ट बनाने के लिए जिले में स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। जो मीटर लग गए हैं, उन्हें प्रीपेड मीटर के रूप में परिवर्तित भी किया जा रहा है। यह स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के लिए परेशानी का कारण बनते जा रहे हैं। दैनिक जागरण की टीम ने इन मीटरों को लेकर उपभोक्ताओं से राय जानी तो उन्होंने अपनी समस्याओं का साझा किया। अधिकांश उपभोक्ता डर चलते अपना नाम व पता बताने के लिए बचते रहे। उपभोक्ताओं ने बताया कि स्मार्ट मीटर में सबसे अधिक परेशान अधिक बिल को लेकर आ रही है। पहले जहां बिल 500 रुपये आता था, वह ब 800 से लेकर अधिक आ रहे हैं। वहीं इसमें सबसे अधिक समस्या बिलों को लेकर हो रहा है।
केस-1 बिल जमा, फिर भी काट दी बिजली
अलीगढ़ रोड पर छोटी सी पान की दुकान चलाकर गुजारा करने वाले बुजुर्ग नवल किशोर बताते हैं कि वह हर महीने बिजली का बिल समय से जमा करा देते हैं। जब से स्मार्ट मीटर लगा है, दिक्कतें बढ़ गई हैं। इस बार बिल आने से पहले ही बिजली बंद कर दी गई। बार बार बिजलीघर के चक्कर लगाने पर बता रहे हैं कि तकनीकी कमी के चलते यह समस्या आई है। उसे अभी तक ठीक नहीं कराया गया। इससे बहुत परेशान हैं। इसमें बिल की जानकारी भी समय से नहीं मिल पाती है। - नवल किशोर, अलीगढ़ रोड, हाथरस।
केस-2 अधिक बिल निकाल रहा स्मार्ट मीटर
नगला सुखराम निवासी शिवनंदन शर्मा बताते हैं कि स्मार्ट मीटर को लेकर जो सपने दिखाए गए थे उसके विपरीत हो रहा है। इनके लगने के बाद बिल अधिक आ रहे हैं। पहले जहां हर महीने करीब पांच रुपये का बिल आता था, वहीं अब एक हजार से अधिक हो गया है। बिल को लेकर कोई जानकारी नहीं मिल पाती है। सबसे मनमाने तरीके से यूनिटों बढ़ाकर उनकी वसूली की जा रही है। पहले लगे मीटर सबसे अच्छे थे। अब स्मार्ट मीटर लगाकर उपभोक्ताओं को परेशान किया जा रहा है। - शिवनंदन शर्मा, नगला सुखराम
केस-3 मैसेज का पता नहीं, कट रही बिजली
विक्रम कौशिक निवासी सहपऊ बताते हैं कि स्मार्ट मीटर ग्रामीणों के लिए हीं नहीं कम पढ़े लिखे लोगों के लिए मुसीबत बन गए हैं। जिन उपभोक्ताओं के पास स्माट फोन नहीं हैं, उनके लिए तो यह सबसे अधिक परेशानी झेलनी पड़ती हैं। स्मार्ट मीटर लगने के बाद अधिक धनराशि के बिल आ रहे हैं। वहीं मैसेज तक नहीं मिलते, नियमित बिल जमा करने वालों की बिजली काट दी जाती है। बिल जमा होने के बाद भी बिजली चालू कराने को चक्कर काटने पड़ते हैं। - विक्रम कौशिक, सहपऊ।
स्मार्ट मीटर लगने से उपभोक्ताओं सभी जानकारी उनके मोबाइल नंबर पर उपलब्ध हो रही है। बिल जारी होने से लेकर जमा होने तक की व्यवस्था आनलाइन है। बिल जमा करने की ड़यूट डेट निकलने के बाद भी मैसेज देकर या फोन करके सूचना दी जाती है। उसके बाद ही बिजली कटती है। बिल जमा होने के बाद तुरंत उसे चालू करा दिया जाता है। शिकायतों का मुरंत निस्तारण कराया जा रहा है। - विश्वेंद्र सिंह चौहान, अधीक्षण अभियंता हाथरस। |