शेषमणि उर्फ भीम यादव की फाइल फोटो।।
संवाद सूत्र ( सिंदुरिया) महराजगंज। रात में घर से निकले युवक शेषमणि उर्फ भीम यादव का शव शुक्रवार की सुबह बसंतपुर खुर्द के समीप देवरिया शाखा नहर पटरी पर एक पेड़ से संदिग्ध परिस्थितियों में फंदे के सहारे लटका मिला। पुलिस की अब तक की जांच में इंस्टाग्राम पर बेवफाई वाले गीत और रील मिलने से प्रेम-प्रसंग की आशंका जताई जा रही है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सिंदुरिया थाना क्षेत्र के विश्वनाथपुर पड़वनिया निवासी शेषमणि उर्फ भीम यादव गुरुवार की रात भोजन के बाद कमरे में चला गया, लेकिन रात 11.30 बजे बाहर निकलने लगा। स्वजन के अनुसार, शेषमणि ने बताया कि अभी थोड़ी देर में आ रहा है। इसके बाद स्वजन सो गए। जब शुक्रवार की सुबह वह घर पर नहीं मिला, तो स्वजन की चिंता बढ़ गई। उसे खोजने के लिए निकल पड़े। इसी दौरान रोज की तरह सुबह नहर की तरफ टहलने गए लोगों की नजर पेड़ पर फंदे के सहारे लटके शव पर पड़ी तो हड़कंप मच गया।
घटना गांव में आग की तरह फैल गई। कुछ ही देर में स्थानीय पुलिस एवं फारेंसिक टीम मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने शव को नीचे उतरवाया। स्वजन ने उसकी शिनाख्त शेषमणि उर्फ भीम यादव के रूप में की। जांच में आसपास से कोई संदिग्ध वस्तु बरामद नहीं हुई, लेकिन युवक की इंटरनेट मीडिया गतिविधियों ने मामले को और उलझा दिया है।
सिंदुरिया थानाध्यक्ष राजकुमार सिंह ने बताया कि प्राथमिक तौर पर मामला प्रेम-प्रसंग से जुड़ा प्रतीत हो रहा है। एक इंस्टाग्राम रील मिली है, जिसमें युवक भावनात्मक तनाव में दिख रहा है। पुलिस तकनीकी साक्ष्यों, काल डिटेल्स एवं इंटरनेट मीडिया की गतिविधियों का विश्लेषण कर रही है।
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तेरे बिन अकेले मौत हुआ जान
पुलिस को प्रारंभिक जांच में पता चला कि शेषमणि के इंस्टाग्राम आइडी पर पिछले कई दिनों से एक युवती और उससे से जुड़े वीडियो और बेवफाई पर आधारित गाने पोस्ट किए जा रहे थे। एक रील में अंतिम शब्द थे— “तेरे बिन अकेले मौत हुआ जान”, जिसने घटना को और रहस्यमय बना दिया है। पुलिस इन पोस्ट्स को घटना से जोड़कर जांच आगे बढ़ा रही है। शेषमणि चार भाइयों में सबसे छोटा था।
बड़े भाई राजमंगल, राजू और दूधनाथ यादव हैं। पिता सुदामा यादव किसान और मां सीमा देवी गृहणी हैं। दो बहनों की शादी हो चुकी है। स्वजन घटना की सूचना मिलते ही बदहवास हो गए और घर में कोहराम मच गया है। परिवार के अनुसार शेषमणि ने स्नातक तक पढ़ाई की थी, लेकिन नौकरी न मिलने पर पिता के साथ घर-परिवार और खेती-बारी का काम करता था। परिवार ने अभी तक किसी पर संदेह व्यक्त नहीं किया है। |