प्रतीकात्मक तस्वीर
जागरण संवाददाता, मेरठ। प्रधानमंत्री आवास योजना (प्लस) के तहत केंद्र सरकार गरीब तबके के ग्रामीणों को पक्के मकान देने जा रही है। हाल में हुए जीरो पॉवर्टी सर्वे में सामने आया है कि 479 ग्राम पंचायतों में से 220 से अधिक ग्राम पंचायतों में सरकारी जमीनों पर माफियाओं का कब्जा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
185 सर्वेयर द्वारा जनपद की 479 ग्राम पंचायतों में किए गए जीरो पॉवर्टी सर्वे में 2241 व्यक्ति योजना के पात्र मिले हैं। इन सभी को ग्राम पंचायत की भूमि पर पक्के मकान बनाकर दिए जाएंगे।
क्या है योजना
प्रधानमंत्री आवास योजना (प्लस) का उद्देश्य दिसंबर 2026 तक सभी पात्र ग्रामीण परिवारों को पक्के घर उपलब्ध कराना है। इसका मुख्य लक्ष्य झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों के साथ-साथ आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, निम्न आय वर्ग और मध्यम आय वर्ग के लोगों के लिए आवास की कमी को पूरा करना है।
योजना की शर्तें
पात्र व्यक्ति के पास देश में कहीं भी अपना मकान नहीं होना चाहिए। यदि मकान है तो कच्चा होना चाहिए। साथ ही खेती की जमीन नहीं होनी चाहिए। अनुसूचित-अन्य पिछड़ा वर्ग की महिला, विकलांग को प्राथमिकता दी जाएगी। पात्र व्यक्ति की वार्षिक आय तीन लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए। साथ ही आधार कार्ड, पेन कार्ड, बैंक खाता होना अनिवार्य है।
ऐसे हुए जमीनों पर कब्जे
सर्वे में पाया गया कि दौराला ब्लॉक के गांव मुकर्रबपुर पल्हेडा में एक छोर पर 26920 जबकि दूसरे छोर पर 71480 वर्ग मीटर सरकारी जमीन पर कब्जा है। जनपद में 300 से अधिक ग्राम पंचायतों में माफियाओं ने सरकारी जमीन कब्जा रखी है।
सभी ग्राम पंचायतों में सर्वे कर लिया है। 2241 लोग प्रधानमंत्री आवास योजना (प्लस) के पात्र पाए गए हैं। जिन ग्राम पंचायतों में सरकारी भूमि पर कब्जा है, उन पर लाल निशान लगा दिए हैं। जल्द कब्जा हटाने की प्रक्रिया शुरू होगी।
नूपुर गोयल, सीडीओ |