टेंडर घोटाले में एसवीयू ने पूर्व मुख्य अभियंता समेत दो पर की प्राथमिकी। सांकेतिक तस्वीर
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार की विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) ने विभिन्न विभागों में टेंडर घोटाले के मामले में एक पूर्व मुख्य अभियंता समेत दो अधिकारियों पर प्राथमिकी दर्ज की है।
जिन अधिकारियों पर प्राथमिकी की गई है उनमें एक भवन निर्माण विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता तारिणी प्रसाद, जबकि दूसरे संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी मोमुक्षु चौधरी हैं।
तारिणी प्रसाद और मोमुक्षु चौधरी के ठिकानों पर प्रर्वतन निदेशालय (ईडी) ने इसी वर्ष 27 मार्च को छापा मारा था। इन दो अधिकारियों के अलावा चार अन्य अधिकारियों के ठिकानों पर भी जांच टीम ने कार्रवाई की थी।
ईडी की इस कार्रवाई के दौरान कुल 11.50 करोड़ रुपये बरामद किए गए थे। अकेले तारिणी प्रसाद के ठिकानों से तीन करोड़ रुपये से अधिक बरामद किए गए थे। ईडी ने अपनी इस कार्रवाई के बाद जुलाई माह में विशेष निगरानी इकाई को पत्र लिख टेंडर घोटाले में अलग से प्राथमिकी दर्ज करने का आग्रह किया था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अपनी जांच करने के बाद अब विशेष निगरानी इकाई ने तारिणी प्रसाद और मोमुक्षु चौधरी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। एसवीयू ने इसकी पुष्टि कर दी है। तारिणी दास पर ईडी ने अपनी कार्रवाई पुख्ता सबूत मिलने के बाद की थी।
इन पर आरोप थे कि पटना में विभिन्न फर्म चलाने वाले रिशुश्री की कंपनियों को ठेके में मदद करते थे। जबकि मोमुक्षु चौधरी पर सहरसा के नगर आयुक्त पद पर रहते हुए विवादित ठेकेदार रिशुश्री के मार्फत अन्य अधिकारियों को लाखों रुपये दिए जाने का आरोप है।
ईडी की जांच में पता चला है कि मोमुक्षु ने सीतामढ़ी और सहरसा में पदस्थापन के दौरान रिशुश्री की कंपनियों को रिश्वत के बदले करोड़ रुपये के ठेके आवंटित किए।
ईडी की कार्रवाई के बाद भवन निर्माण विभाग में सेवानिवृत्ति के बाद संविदा पर मुख्य अभियंता पद का काम देख रहे तारिणी प्रसाद को तत्काल संविदा मुक्त कर दिया गया था।