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सरोगेट मदर और सिंगल फादर को भी मिलेगी चाइल्ड केयर लीव, 48 साल पुराने अवकाश नियम में बड़ा बदलाव

Chikheang 2025-11-28 02:07:43 views 413

  

सरोगेट मदर और सिंगल फादर को भी मिलेगी चाइल्ड केयर लीव



डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रदेश सरकार ने 48 साल पुराने सिविल सेवा अवकाश नियम में संशोधन कर दिया है। अब सरोगेट या कमीशनिंग मां (सरोगेसी के माध्यम से पैदा हुई संतान की मां) को मातृत्व और एकल (अकेले) पुरुष शासकीय सेवक को संतान पालन अवकाश मिलेगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

दत्तक संतान ग्रहण के लिए 15 दिन का पितृत्व अवकाश की पात्रता रहेगी। शिक्षकों को प्रतिवर्ष 10 अर्जित अवकाश मिलेंगे तो सेवानिवृत्ति के बाद अवकाश नकदीकरण में जो अर्जित अवकाश बच जाते हैं, उनका भी नकदीकरण किया जाएगा। यह प्रविधान एक जनवरी 2026 से लागू होंगे।
सिविल सेवा अवकाश नियम में संशोधन

वित्त विभाग ने अवकाश नियम 2025 अधिसूचित कर दिए हैं। अर्जित अवकाश सेवाकाल में 300 दिन से अधिक नहीं होंगे। प्रदेश में मप्र सिविल सेवा (अवकाश) नियम 1977 लागू था। इसमें वर्तमान स्थितियों को देखते हुए परिवर्तन किए गए हैं।

इससे प्रदेश के साढ़े सात लाख नियमित कर्मचारी लाभान्वित होंगे। संतान पालन अवकाश (चाइल्ड केयर लीव) प्रथम 365 दिन पूर्ण वेतन के साथ मिलेगी। जबकि, दूसरी बार में 80 प्रतिशत वेतन का भुगतान होगा। 18 वर्ष तक के बच्चे के लिए अवकाश स्वीकृत किया जा सकेगा।
सरोगेट और सिंगल पिता को अवकाश

अभी तक दो साल का अवकाश लेने तक वेतन कटौती का प्रविधान नहीं था लेकिन संशोधित नियम में रखा गया है। एक वर्ष में तीन बार से अधिक अवकाश स्वीकृत नहीं किया जाएगा।

एकल महिला को एक कैलेंडर वर्ष (एक जनवरी से 31 दिसंबर) में छह बार अवकाश की पात्रता रहेगी। दत्तक संतान ग्रहण अवकाश की पात्रता उस दत्तकग्राही मां को नहीं होगी, जिसकी दत्तक लेते समय एक से अधिक जीवित संतान हो।
शिक्षकों के लिए अर्जित अवकाश नकदीकरण

पितृत्व अवकाश पत्नी के प्रसव होने की संभावित तिथि के 15 दिन पूर्व या प्रसव की तारीख से छह माह तक की अवधि में 15 दिनों का स्वीकृत किया जा सकेगा। इस अवधि का वेतन मिलेगा।

सरोगेसी के द्वारा जन्मे संतान के कमीशनिंग (वह पुरुष जो सरगोसी के माध्यम से संतान का पिता होता है) पिता को भी छह महीने के भीतर 15 दिनों का पितृत्व अवकाश की पात्रता रहेगी।

असाधारण अवकाश पर रहने किसी भी प्रकार के अवकाश वेतन की पात्रता नहीं रहेगी। इसके तहत चिकित्सकों को पीजी योग्यता प्राप्त करने के लिए 36 माह का अध्ययन अवकाश मिलेगा। इससे सरकार पर कोई वित्तीय भार नहीं आएगा।
इन पर लागू नहीं होंगे नियम

आकस्मिक, दैनिक दर या अंशकालीन नियोजन में नियुक्त कर्मचारी- आकस्मिक निधि से वेतन पाने वाले कर्मचारी- कार्यभारित स्थापना में नियुक्त कर्मचारी- संविदा पर नियुक्त कर्मचारी
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