राज्य ब्यूरो, रांची। पूर्वी सिंहभूम जिले के उपायुक्त आइएएस अधिकारी कर्ण सत्यार्थी भी शराब घोटाला केस में आरोपित बन सकते हैं। वे उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के पूर्व आयुक्त उत्पाद सह झारखंड राज्य बेवरेजेज कारपोरेशन लिमिटेड (जेएसबीसीएल) के पूर्व प्रबंध निदेशक रह चुके हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
उन पर आरोप यह लग रहा है कि पूर्व की उत्पाद नीति के दौरान शराब की खुदरा दुकानों में फर्जी बैंक गारंटी पर मैनपावर आपूर्ति का ठेका लेने वाली दो प्लेसमेंट एजेंसियों मेसर्स मार्शन व मेसर्स विजन के विरुद्ध मामला उजागर होने के बाद भी उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की।
बढ़ेंगी मुश्किलें, जवाब से संतुष्ट नहीं एसीबी
आइएएस अधिकारी कर्ण सत्यार्थी से एसीबी इसी के इर्द-गिर्द सवाल पूछ रही है। बताया जा रहा है कि अब तक कर्ण सत्यार्थी ने एसीबी को अपने जवाब से संतुष्ट नहीं किया है। आने वाले समय में उनकी मुश्किलें बढ़ेंगी।
आइएएस अधिकारी कर्ण सत्यार्थी से तीसरे दिन गुरुवार को भी एसीबी ने पूछताछ की है। मिली जानकारी के अनुसार सोमवार व मंगलवार को पूछताछ के बाद फिर समन किया। उन्हें तीसरे दिन की पूछताछ में शामिल होने के लिए एसीबी ने अनिवार्य बताया।
यह भी लिखा कि अगर वे पूछताछ में शामिल नहीं होंगे तो उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। एसीबी की सख्ती को देखते हुए आइएएस अधिकारी कर्ण सत्यार्थी गुरुवार की शाम करीब साढ़े चार बजे एसीबी कार्यालय पहुंचे। पूछताछ पूरी होने के बाद एसीबी ने उन्हें जाने दिया।
बताया जा रहा है कि एसीबी को उनसे अब तक यह जवाब नहीं मिल सका है कि फर्जी बैंक गारंटी पर कैसे प्लेसमेंट एजेंसी को मैनपावर आपूर्ति का ठेका मिला। अगर ठेका मिल गया और जांच में बैंक गारंटी के फर्जी होने के सबूत भी मिल गए, उसके बावजूद इस मामले में न तो कोई प्राथमिकी दर्ज कराई गई, न हीं कोई कार्रवाई की गई। |