जागरण संवाददाता, वाराणसी। दहेज के लिए विवाहिता की हत्या के दोषी खातिर पति समेत पांच को विशेष न्यायाधीश चतुर्थ (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) रविन्द्र कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने उम्रकैद और पांच-पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। अदालत में वादी पक्ष की ओर से वकील अशोक कुमार सिंह \“प्रिंस\“ व अभियोजन पक्ष की ओर से एडीजीसी संतोष कुमार तिवारी व अपर्णा पाठक ने पैरवी की। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अभियोजन के अनुसार कोतवाली थाना क्षेत्र के मध्यमेश्वर मोहल्ला निवासी राजेश्वर सिंह की बड़ी बहन उदीशा की शादी उसी मोहल्ला में रहने वाले रामलोचन सिंह के बेटे रामजी सिंह के साथ 24 फरवरी 2012 को हुई थी। शादी के कुछ समय बाद दहेज में पांच लाख रुपये लाने के लिए उदीशा के साथ ससुराल वाले मारपीट करने लगे।
राजेश्वर ने असमर्थता जताई लेकिन रामजी सिंह और उसके घर वाले नहीं माने। ससुराल वालों द्वारा प्रताड़ना और पति द्वारा अक्सर मारपीट करने से व्यथित होकर उदीशा ने 31 मार्च 2013 को दिन में अपने मायके आई और खुद पर मिट्टी का तेल (केरोसीन) डालकर आग लगा ली।
इस घटना से हतप्रभ राजेश्वर ने इलाज के लिए अपनी बहन को शिव प्रसाद गुप्त मंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया जहां सात अप्रैल को उसकी मृत्यु हो गई। मृत्यु से पहले तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर (माल) बैकुंठ नाथ द्विवेदी ने विवाहिता का बयान लिया था। विवाहिता ने दहेज के लिए पति द्वारा उसके साथ मारपीट करने और कोई बच्चा न होने का उलाहना देने का आरोप लगाया था।
कोतवाली पुलिस ने इस घटना में विवेचना कर मृतका के पति रामजी सिंह, सास कृष्णा देवी, जेठ भरत सिंह व विनय सिंह, देवर श्यामजी सिंह और ससुर रामलोचन सिंह के खिलाफ न्यायालय में आरोप-पत्र दाखिल किया। मुकदमे के विचारण के दौरान रामलोचन सिंह की मृत्यु हो जाने पर उनके खिलाफ सुनवाई समाप्त कर दी गई। अन्य सभी के खिलाफ अदालत ने सजा सुनवाई। अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत में आठ गवाहों को परीक्षित कराया गया था। |