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अमित शाह ने फरीदाबाद में की उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की बैठक की अध्यक्षता, आतंकवाद से लेकर महिला सुरक्षा तक... दिया ये बड़ा संदेश

LHC0088 2025-11-27 01:43:00 views 418

  

अमित शाह ने आज हरियाणा के फरीदाबाद में उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की 32वीं बैठक की अध्यक्षता की (फोटो: जागरण)



जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज हरियाणा के फरीदाबाद में उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की 32वीं बैठक की अध्यक्षता की।

बैठक में हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी, पंजाब के मुख्यमंत्री श्री भगवंत मान, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू, राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री श्री उमर अब्दुल्ला, दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता, संघ शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासक श्री गुलाब चंद कटारिया, जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल श्री मनोज सिन्हा, दिल्ली के उपराज्यपाल श्री विनय कुमार सक्सेना और लद्दाख के उप-राज्यपाल श्री कविंदर गुप्ता तथा इन राज्यों एवं संघशासित प्रदेशों के वरिष्ठ मंत्री भी शामिल हुए। बैठक में केन्द्रीय गृह सचिव, अंतर राज्य परिषद सचिवालय के सचिव, सदस्य राज्यों के मुख्य सचिव/ सलाहकार और राज्य सरकारों तथा केन्द्रीय मंत्रालयों एवं विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

बैठक की शुरुआत में दिल्ली में हाल ही में हुए कार बम विस्फोट और जम्मू-कश्मीर के नौगाम पुलिस स्टेशन में हुए विस्फोट में जान गँवाने वाले लोगों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की गई और दो मिनट का मौन रखा गया।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में आतंकवाद को जड़ से समाप्त करना हम सबकी साझी प्रतिबद्धता है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के अब तक के रिकार्ड के अनुरूप दिल्ली बम विस्फोट के दोषियों को हम पाताल से भी ढूंढ कर देश की न्यायिक व्यवस्था के सामने खड़ा करेंगे और उन्हें सख्त से सख्त सजा दिलाएंगे।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सूरजकुंड की ऊर्जावान भूमि न सिर्फ ऐतिहासिक है बल्कि समृद्ध सांस्कृतिक और कला की विरासत और आर्थिक चेतना का जीवंत प्रमाण है। सूरजकुंड की धरती और भगवान सूर्यनारायण के भगीरथ काम करने के उदाहरण से हमें प्रेरणा मिलती है।

यहीं पर सबसे पहले श्रीमद् भगवद गीता को स्वयं श्री कृष्ण ने अपने श्रीमुख से कहा था, सिंधु घाटी की प्राथमिक सभ्यता के प्रमाण भी यहीं से मिले हैं। श्री शाह ने कहा कि हरियाणा और पंजाब महान सिख गुरुओं की भूमि है जिनका न सिर्फ देश की आध्यात्मिक चेतना को प्रबल बनाने में योगदान रहा है, बल्कि देश के सम्मान और स्वतंत्रता के लिए भी बहुत बड़े बलिदान दिए हैं।

आज हमारा देश अपनी मूल परंपराओं के आधार पर चल रहा है, लेकिन अगर गुरु तेग बहादुर जी न होते तो देश आज अपनी मूल परंपराओं के आधार पर नहीं चल रहा होता। उन्होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी के महान बलिदान और दशम गुरु के सर्वस्व बलिदान ने देश को बड़ा संबल दिया और संघर्ष का रास्ता दिखाया।

श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का दृष्टिकोण है कि सशक्त राज्य ही सशक्त राष्ट्र का सृजन करते हैं, इसे ज़मीन पर उतारने में क्षेत्रीय परिषदों का बहुत महत्व है।  

संवाद, सहयोग, समन्वय और ‘पॉलिसी सिनर्जी’ के लिए क्षेत्रीय परिषदें बहुत महत्वपूर्ण हैं। इन परिषदों के माध्यम से कई प्रकार की समस्याओं को हल किया गया है। उन्होंने कहा कि महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध के मामलों में जल्द सजा दिलाने में और तेजी लाने की जरूरत है और कुपोषण जैसी समस्याएं भी हैं, जिनसे देश को मुक्त करने की ज़रूरत है।  

श्री शाह ने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ POCSO अधिनियम के तहत यौन अपराध और बलात्कार के मामलों की त्वरित जांच पर बल देते हुए कहा कि ऐसे घृणित अपराध को कोई भी स्वस्थ समाज स्वीकार नहीं कर सकता।  

उन्होंने कहा कि महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। गृह मंत्री ने इसके लिए फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालयों (FTSC) के गठन की संख्या बढ़ाने की जरूरत पर बल दिया।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि सहकारिता, कृषि, मछली पालन और पोल्ट्री क्षेत्र गरीबी दूर करने और रोजगार प्रदान करने का महत्वपूर्ण माध्यम बन सकते हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के ‘सहकार से समृद्धि’ के मंत्र का उल्लेख करते हुए श्री शाह ने कहा कि सहकारिता क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावना है।  

उन्होंने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद के साथ रोजगार, खासकर स्वरोजगार में वृद्धि से ही हम एक विकसित भारत के स्वप्न को साकार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सिर्फ जीडीपी देश की समृद्धि का परिचायक नहीं होता बल्कि समृद्धि तभी मानी जाती है जब हर व्यक्ति गरीबी रेखा से ऊपर आ जाता है।  

उन्होंने कहा कि भारत सरकार के सहकारिता मंत्रालय ने देश भर में सहकारी क्षेत्र को मजबूत करने के लिए 57 पहल की हैं। इनमें प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) के कंप्यूटरीकरण, तीन नई राष्ट्रीय सहकारी समितियों की स्थापना और त्रिभुवन सहकारी यूनिवर्सिटी की स्थापना शामिल है।

श्री अमित शाह ने कहा कि क्षेत्रीय परिषदों की मूल भावना और भूमिका सलाहकारी है, लेकिन पिछले दशक में इसे एक्शन ओरियंटेड प्लेटफॉर्म के रूप में स्वीकारा गया है और इसके परिणाम भी मिले हैं।  

उन्होंने कहा कि राज्यों के बीच, क्षेत्र और राज्यों के बीच और केन्द्र और राज्य सरकारों के साथ फॉलोअप के साथ मुद्दों को हमने स्वीकारा भी है और इनके समाधान प्राप्त करने के लिए ठोस रास्ता भी बनाया है। ॉ

श्री शाह ने कहा कि हमारा लक्ष्य स्पष्ट है - Regional Strength के साथ National Progress औऱ हर क्षेत्र में भारत की Global Leadership, जो हमें महान भारत की रचना की ओर ले जाती है।

गृह मंत्री ने उत्तर भारत के सभी राज्यों के नेतृत्व से अनुरोध किया कि वे सभी राज्य जल संसाधन प्रबंधन और पानी की समस्या दूर करने के लिए एक राष्ट्र की भावना और सभी राज्यों के हितों को ध्यान में रखते हुए आपसी समन्वय से काम करें। श्री शाह ने कहा कि सभी राज्यों को अपने अपने तरीके से गाद निकालने के काम को प्राथमिकता देनी होगी।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि 2004 से 2014 के अनुपात में 2014 से 2025 तक क्षेत्रीय परिषदों की बैठकों में लगभग ढाई गुणा बढ़ोत्तरी हुई है और हमने इन बैठकों को सार्थक भी बनाया है।  

उन्होंने कहा कि 2004 से 2014 में क्षेत्रीय परिषद और स्थायी समिति की कुल 25 बैठकें हुई थीं जबकि 2014 से 2025 के दौरान अब तक 64 बैठकें हुई हैं। उन्होंने कहा कि बैठकों की संख्‍या में दोगुनी से अधिक बढ़ोत्तरी प्रधानमंत्री मोदी जी के TEAM Bharat के कॉन्सेप्ट को उद्घोषित करती हैं।

इन बैठकों में 1600 मुद्दों पर चर्चा हुई और उनमें से 1303 मुद्दों (81.43%) का समाधान हुआ। यह सभी राज्य सरकारों, संघ शासित प्रदेशों तथा केन्द्रीय मंत्रालयों और विभागों के सहयोग से हो सका है और अंतर-राज्य परिषद सचिवालय इसमें सक्रिय भूमिका निभा रहा है।

श्री अमित शाह ने कहा कि यह वर्ष वंदे मातरम की रचना का 150वां वर्ष है। एक ज़माने में बंकिमचंद्र चटर्जी जी की महान रचना वंदे मातरम हमारे देश की आज़ादी का उद्घोष बना था।

आज भारत सरकार और सभी राज्य मिलकर फिर से इसे महान भारत की रचना का उद्घोष बनाने के लिए कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि यह भारत की युवा पीढ़ी में देशभक्ति के संस्कार प्रस्थापित करने का प्रयास है। श्री शाह ने सभी राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों से वंदे मातरम गीत के माध्यम से देश के युवाओं में देशभक्ति के संस्कार को फिर से जागृत करने का आह्वान किया।

तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन का जिक्र करते हुए केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि इन नए कानूनों को लागू करने से काफी सकारात्मक नतीजे मिले हैं। नए कानूनों के तहत दोष-सिद्धि की दर में लगभग 25 से 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और दोषियों को समय पर सज़ा भी मिली है।

उन्होंने कहा कि इन कानूनों के प्रभावी अमल के लिए राज्य सरकारों को और अधिक प्रयास करने चाहिए। साथ ही, गृह मंत्री ने सभी राज्य सरकारों से फॉरेंसिक साइंस से लेकर जेलों को ऑनलाइन जोड़ने तक तकनीक को अपग्रेड करने का अनुरोध किया।

श्री अमित शाह ने मिलेट्स को बढ़ावा देने के अभियान में राजस्थान के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि सभी राज्यों को मिलेट्स के उत्पादन और प्रयोग को बढ़ाना चाहिए। उन्होंने राज्य सरकारों से मिलेट्स को गरीबों को हर महीने 5 किलो मुफ्त अनाज दिए जाने की योजना का हिस्सा बनाने की अपील की। श्री शाह ने कहा कि इससे मिलेट्स का उत्पादन बढ़ेगा, साथ ही नई पीढ़ी को मिलेट्स खाने की आदत पड़ेगी और लोगों की सेहत भी अच्छी रहेगी।

आज की बैठक में सदस्य राज्यों के साथ-साथ देश के लिए कई अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा हुई जिसमें महिलाओं और बच्चों के खिलाफ दुष्कर्म के मामलों की त्वरित जांच और इसके शीघ्र निपटान के लिए फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालयों (FTSC) का कार्यान्वयन, प्रत्येक गांव के नियत दायरे में ब्रिक-एण्ड-मोर्टार बैंकिंग के लिए बुनियादी सुविधाओं का निर्माण, जल बँटवारे, पर्यावरण, उच्च शिक्षा आदि से जुड़े मुद्दे, आपातकालीन सहायता प्रणाली (ERSS-112) तथा क्षेत्रीय स्तर के सामान्य हित के अन्य मुद्दे शामिल थे।

इनके अलावा, राष्ट्रीय महत्व के 6 मुद्दों को भी एजेंडे में शामिल किया गया है, जिनमें - शहरी मास्टर प्लानिंग, विद्युत आपूर्ति व्यवस्था, प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACSs) को मजबूत करना, ‘पोषण अभियान’ के माध्यम से बच्चों में कुपोषण को दूर करना, स्कूली बच्चों की ड्रॉप-आउट दर कम करना, आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में सार्वजनिक अस्पतालों की भागीदारी शामिल हैं।
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