मुठभेड़ में घायल बदमाश गिरा, दूसरे बदमाश को ले जाती पुलिस।
जागरण संवाददाता, बरेली। उपद्रव के लिए आइएमसी के पूर्व जिला अध्यक्ष नदीम खां ने ही शाहजहांपुर से दोनों बदमाशों को बुलाया था। यह बात दोनों ने स्वयं स्वीकारी है। उनका प्रमुख काम था कि पुलिस पर फायरिंग कर पूरे शहर में दंगा फैलाना, मगर पुलिस की सतर्कता से शहर आग की लपटों में जलने से बच गया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पुलिस ने जब शाहजहांपुर के मदनापुर निवासी इदरीश और इकबाल को मुठभेड़ में गिरफ्तार करने के बाद पूछताछ शुरू की तो उन्होंने बताया कि घटना से कुछ दिन पहले नदीम ने ही उन्हें फोन किया था। बरेली आकर उन्हें उपद्रव में शामिल होने की बात कही थी। इसके बाद दोनों घटना से महज एक दिन पहले ही बरेली में आए थे।
आरोपितों ने बताया कि उपद्रव में सबसे पहले उन्हीं लोगों ने फायरिंग भी की, जिससे भगदड़ और मची। इसी भीड़ में उन्होंने पुलिस से गन छीनी और फरार हो गए। दोनों आरोपित छीनी गई गन को मीरगंज में बेचने के लिए जा रहे थे। इसी बीच सीबीगंज पुलिस ने उन्हें घेर लिया। खुद को पुलिस से घिरता देख उन्होंने तमंचे से पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी।
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जवाबी कार्रवाई में दोनों के पैर में गोली लगी है। इदरीश के दाएं और इकबाल के बाएं पैर में गोली लगी। पुलिस ने सीसीटीवी व ड्रोन कैमरों की वीडियो की मदद से दोनों आरोपितों की पहचान की थी। इसी के बाद उन्हें पकड़ा जा सका।
बाहर के लोग भी हुए थे शामिल, विवेचना में स्पष्ट
एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि, उपद्रव के बाद जब जांच शुरू हुई तो स्पष्ट हुआ कि इस उपद्रव के लिए बाहर से लोगों को बुलाया गया था। कहां-कहां के लोग इसमें शामिल थे इसकी जांच पुलिस की टीमें कर रही हैं। अभी तक की जांच में चार उपद्रवी बिहार और पश्चिम बंगाल के और दो आरोपित शाहजहांपुर के आना स्पष्ट हो गए हैं।
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