अस्पताल में बच्चे का इलाज करते डॉक्टर।
जागरण संवाददाता, एटा। मेडिकल कॉलेज में सोमवार की देर शाम सीने में तेज दर्द की शिकायत के बाद लाया गए एक युवक ने इलाज शुरू होने से पहले ही दम तोड़ गया। स्वजन के अनुसार युवक को घर पर सीने में दर्द उठा था, जिसके बाद उसे तत्काल मेडिकल कॉलेज लाया गया। यहां इमरजेंसी में चिकित्सकों ने प्राथमिक जांच की, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। चिकित्सकों ने संभावना जताई कि हार्ट अटैक के कारण युवक की मौत हुई। इसके साथ ही बच्चों के सीने में जकड़ने भी बढ़ने लगी है और भर्ती कराया जा रहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मेडिकल कॉलेज में बढ़ रहे सांस व निमोनिया के मरीज
जैथरा निवासी गिरीश चंद्र 40 वर्ष पुत्र महावीर सिंह को सोमवार की देर शाम साढ़े सात बजे स्वजन मेडिकल कॉलेज लेकर आए। यहां पर जांच के बाद चिकित्सकों ने मृत बताया। स्वजन ने बताया कि पहले से बीमार थे, लेकिन शाम को सीने में दर्द के साथ तबितय बिगड़ गई। तब मेडिकल कॉलेज लेकर आए थे। वहीं मेडिकल कॉलेज के पीडियाट्रिक वार्ड में भी इन दिनों बच्चों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
पीडियाट्रिक वार्ड में 25 बच्चों को भर्ती करके दिया जा रहा इलाज
तेज सर्दी और मौसम में हो रहे बदलाव की वजह से बच्चों में सांस संबंधी संक्रमण बढ़ रहा है। मंगलवार को 25 से अधिक बच्चे वार्ड में भर्ती थे। इनमें से अधिका को सीने में जकड़न, सांस लेने में परेशानी, बुखार और निमोनिया के लक्षण होने पर इलाज दिया गया। चिकित्सकों के अनुसार मौसम के बदलने के कारण छोटे बच्चों में श्वसन संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। कई बच्चों को नेबुलाइजर, आक्सीजन सपोर्ट और एंटीबायोटिक उपचार दिया जा रहा है।
डॉक्टर की सलाह
पीडियाट्रिक विभागाध्यक्ष डॉ. एबी सिंह ने बताया कि ठंड में बच्चों को गर्म कपड़े पहनाएं, बाहर की धूल-गंदगी से बचाकर रखें, समय पर टीकाकरण कराएं और किसी भी प्रकार की सीने की जकड़न या तेज बुखार होने पर तुरंत अस्पताल लेकर आएं। इनका कहना है कि देर करने पर यह साधारण सर्दी खतरनाक निमोनिया में बदल सकती है।
टीबीसीडी में पहुंच रहे मरीज
वहीं टीबीसीडी (क्षय व सीने के रोग) विभाग में भी मरीजों की संख्या बढ़ी है। मंगलवार को 100 से अधिक मरीज खांसी, सांस लेने में तकलीफ, सीने के दर्द और जकड़न जैसी समस्याओं को लेकर विभाग पहुंचे।
टीबीसीडी ओपीडी में तैनात जूनियर रेजीटेंड एवं चिकित्सक डॉ. शिवांक यादव ने बताया कि मौसम में हो रहे बदलाव और बढ़ती ठंड के कारण श्वसन रोगों के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। धूल, धुंआ और प्रदूषण भी इन समस्याओं को और गंभीर बना रहे हैं। सांस संबंधी मरीजों को परहेज अति आवश्यक है, इसके बाद जल्दी स्वास्थ्य लाभ मिलता है। कहा कि किसी भी प्रकार के सीने के दर्द को हल्के में न लें। तेज दर्द, पसीना, बेचैनी या सांस फूलने जैसी स्थिति होने पर तुरंत अस्पताल पहुंचें। |