कनाडा-भारत व्यापार समझौते पर जोर।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दो साल के तनावपूर्ण संबंधों के बाद भारत के साथ व्यापार समझौते को आगे बढ़ाने की दिशा में कनाडा तेजी से काम कर रहा है। कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद ने सोमवार को यह बात कही। उन्होंने बताया कि कनाडा और भारत व्यापार समझौते को आगे बढ़ाने के लिए तेजी से काम करेंगे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ओटावा और नई दिल्ली अपने कूटनीतिक संबंधों को बेहतर कर रहे हैं। साथ ही यह जिक्र भी किया कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के ट्रेड वार के जवाब में हमारी यह नई नीति है।
उनका यह बयान इसी सप्ताहांत दक्षिण अफ्रीका में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी और भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच हुई वार्ता के बाद आया है।
कनाडा-भारत व्यापार समझौते पर जोर
इसमें दोनों नेताओं ने एक नए व्यापार समझौते के लिए वार्ता फिर से शुरू करने पर सहमति व्यक्त की। भारतीय मूल की अनीता ने एक इंटरव्यू में कहा, \“नेताओं ने यह काम यथाशीघ्र आगे बढ़ाने पर जोर दिया है।\“ कनाडाई प्रधानमंत्री अगले वर्ष भारत दौरा करेंगे। उन्होंने कार्नी के अगले एक दशक में गैर-अमेरिकी व्यापार को दोगुना करने के लक्ष्य का जिक्र किया।
कनाडा दुनिया के सबसे अधिक व्यापार निर्भर देशों में से एक है। इसका 75 प्रतिशत से अधिक निर्यात अमेरिका को होता है। अमेरिका को होने वाले ज्यादातर निर्याय यूएसएमसीए व्यापार समझौते से मुक्त है, लेकिन इस समझौते की समीक्षा अगले वर्ष में होनी है।
कूटनीतिक संबंधों को बेहतर करने का प्रयास
अनीता ने कहा, \“यह विदेश नीति के प्रति एक नया दृष्टिकोण है, जो उस वैश्विक आर्थिक परिवेश के प्रति उत्तरदायी है, जिसमें हम खुद को पाते हैं।\“ कनाडा, चीन के साथ भी अपने संबंध बेहतर करने के प्रयास में जुटा है।
उल्लेखनीय है कि कनाडा और भारत के बीच संबंध उस समय तनावपूर्ण हो गए थे, जब कनाडाई पुलिस ने जून, 2023 में वैंकूवर में खालिस्तानी आतंकी हरदीप ¨सह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने का दावा किया था। इसके बाद दोनों देशों के बीच व्यापार वार्ता निलंबित हो गई थी।
भारत ने जनमत संग्रह पर जताई कड़ी आपत्ति
ANI के अनुसार, कनाडा में भारत के उच्चायुक्त दिनेश पटनायक ने खालिस्तान के नाम पर जनमत संग्रह कराने पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन तो ठीक हैं, लेकिन कनाडा को यह समझना चाहिए कि उसके ऐसे कदम का भारत पर कैसा असर पड़ेगा।
इसे भारत में कनाडा के हस्तक्षेप के रूप में देखा जाता है। उन्होंने यह कड़ा बयान सिख फार जस्टिस की तरफ से रविवार को ओटावा में कराए गए जनमत संग्रह पर दिया है। इधर, पटनायक ने अल्बर्टा प्रांत की प्रीमियर डेनियल स्मिथ से मुलाकात की और ऊर्जा, करोबार, कृषि व तकनीक के मुद्दों पर चर्चा की।-
(न्यूज एजेंसी एपी के इनपुट के साथ) |