जागरण संवाददाता, बलिया। बिजली व्यवस्था को आधुनिक और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से लगाए जा रहे स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के लिए अब बड़ी समस्या बनते दिख रहे हैं। उपभोक्ताओं का कहना है कि स्मार्ट मीटर लगने के बाद बिजली बिल पहले के मुकाबले दोगुना से अधिक आ रहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
बिल सही कराने के लिए उपकेंद्रों का चक्कर लगाना पड़ रहा है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी उनकी समस्याओं का समाधान नहीं कर पा रहे हैं। बाहरपुर निवासी हरिंद्र राजभर ने बताया कि उनके घर में दो किलोवाट का कनेक्शन है। पहले उनका बिल 500 रुपये के आसपास आता था, लेकिन स्मार्ट मीटर लगने के बाद अगस्त में 1,627 रुपये और सितंबर में 2,235 रुपये बिल जमा करना पड़ा।
सोनाडी निवासी गौतम तिवारी ने बताया कि उनके घर में दो पंखे, एक टुल्लू पंप और कुछ लाइटें हैं। पहले हर महीने 350–450 रुपये बिल आता था, परंतु स्मार्ट मीटर लगने के बाद 1,500 रुपये से अधिक का बिल आने लगा है। उन्होंने शिकायत मीटर रीडर से लेकर उच्चाधिकारियों तक की, लेकिन कोई समाधान नहीं मिला।
39 हजार में से 16,500 उपभोक्ताओं के घर लगे स्मार्ट मीटर
नगरा सर्किल क्षेत्र में लगभग 39 हजार उपभोक्ताओं में से 16,500 घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। इनमें नगर पंचायत नगरा में साढ़े चार हजार स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं। लेकिन स्मार्ट मीटरिंग के बावजूद उपभोक्ताओं का बिल असामान्य रूप से बढ़ रहा है, जिससे शिकायतों की संख्या तेजी से बढ़ी है।
उपकेंद्र नगरा, सलेमपुर, दिलमनमधुकीपुर, रनऊपुर, जाम और गौरामदनपुरा में 80 प्रतिशत शिकायतें बिजली बिल से ही संबंधित दर्ज की जा रही हैं। उपभोक्ताओं का कहना है कि स्मार्ट मीटर लगते ही बिल में अनियमितता शुरू हो गई है, और यदि व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ तो समस्या और गंभीर हो सकती है।
उपभोक्ताओं को किसी भी स्थिति में परेशानी नहीं होने दी जाएगी। शिकायतों की वास्तविकता जांचने के लिए कुछ उपभोक्ताओं के घरों में पुराना मीटर भी स्मार्ट मीटर के साथ चलाया जा रहा है और दो महीने की निगरानी में दोनों मीटरों की रीडिंग लगभग समान पाई गई है।
-आरके सिंह एक्सईएन,(बांसडीह)। |