राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। 29 नवंबर की समयसीमा बीतने से पूर्व ही दिल्ली की 149 इमारतों में एंटी-स्माॅग गन लगा दी गई हैं। हालांकि इसे पहले ही प्रदूषण ने दिल्ली को बेहाल कर रहा था, ऐसे में इन्हें थोड़ा पहले ही लगाया जाना चाहिए था। इन्हें कार्यालयों, होटल, कमर्शियल जगहों, मिश्रित उपयोग वाली जगहों, माॅल, अस्पताल और अन्य सरकारी एवं निजी संपत्तियों पर लगाया गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पर्यावरण विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, शुरुआती आकलन में 149 इमारतों की पहचान की गई थी, जिन्हें एंटी-स्माॅग गन की जरूरत थी। नए सर्वेक्षण के बाद नगर निगम ने 500 से अधिक इमारतों में एंटी-स्माॅग गन लगाने की अनिवार्यता लागू कर दी है।
एक अधिकारी ने बताया, \“अभी तक 149 इमारतों में एंटी-स्माॅग गन लगाई जा चुकी हैं और एमसीडी क्षेत्र के कई व्यावसायिक क्षेत्रों में इसे लगाने का काम जारी है। इसमें सरकारी और निजी अस्पताल, कार्यालय भवन, माॅल, अदालत परिसर, व्यावसायिक संपत्तियां और होटल शामिल हैं।\“
अधिकारियों ने बताया कि नई दिल्ली नगर पालिका परिषद क्षेत्र में एंटी-स्माॅग गन का आदेश 20 से अधिक भवनों पर लागू होता है और अभी वहां सिर्फ सात एंटी-स्माॅग गन ही लगाए गए हैं। नगर निगम की एजेंसियां दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति को दैनिक अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत कर रही हैं।
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति इसे लगाए जाने की प्रगति की निगरानी कर रही है। एंटी स्माॅग गन ऐसी मशीन है जो हवा में फैले धूल-कण (dust particles), पीएम 2.5 और पीएम 10 जैसे प्रदूषकों को नीचे बैठाने के लिए पानी की बहुत बारीक फुहारें छोड़ती है। इसकी बारीक धुंध हवा में मौजूद प्रदूषक कणों से चिपककर उन्हें भारी बना देती है, जिससे वे जमीन पर गिर जाते हैं और हवा अपेक्षाकृत साफ हो जाती है।
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