जागरण संवाददाता, लखनऊ। पिंक टॉयलेट का संचालन करने से विफल रहा नगर निगम अब निजी एजेंसियों की मदद लेगा। बंद चल रहे हैं या फिर बदहाली का शिकार बने पिंक टॉयलेट के संचालन निजी हाथों में दिए जाने का खाका नगर निगम ने तैयार कर लिया है। नगर निगम संचालन पर कोई शुल्क नहीं खर्च करेगा, बल्कि एजेंसी के लोगों को ही खर्च उठाना पड़ेगा। एजेंसी को आय करने के लिए पिंक टॉयलेट के बगल में बनी दुकान का संचालन करने के साथ ही विज्ञापन प्रदर्शित कर उसका शुल्क वसूलने का अधिकार दिया जाएगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
नगर आयुक्त गौरव कुमार का कहना है कि नगर निगम या फिर जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) की तरफ से पिंक टॉयलेट का संचालन का ठीक से नहीं किया जा रहा है, जिस कारण पिंक टॉयलेट बंद हैं फिर वहां सुविधाओं का अभाव है। इसलिए जल्द ही टेंडर के माध्यम से निजी संस्थाओं को संचालन का जिम्मा दिया जाएगा। उन्होंने पिंक टॉयलेट के बगल में बनी दुकानों का संचालन और विज्ञापन प्रदर्शन कर आय करने का अधिकार दिया जाएगा। नगर निगम किसी तरह का कोई खर्च नहीं करेगा।
दो साल से बदहाली के दौर से गुजर रहे पिंक टॉयलेट
नगर निगम में पिंक टॉयलेट के संचालन की जिम्मेदारी संभालने वाले अधिकारियों की लापरवाही से हाल बद से बदतर होते जा रहे हैं। 71 पिंक टॉयलेट बने हैं, जिसमे से कुछ ही संचालित हो रहे हैं, जबकि अधिकांश पर ताला लटक रहा है। दरअसल पहले जिन कर्मचारियों को यहां तैनात किया गया था, उनका मानदेय न देने से वह नौकरी छोड़कर चले गए तो कई में बिजली और पानी का भी अभाव है।
हाल यह है कि जानकीपुरम विस्तार में लखनऊ विश्वविद्यालय का न्यू कैंपस के बगल में बने पिंक टॉयलेट की दुकान का संचालन पुरुष कर रहे हैं, जबकि नियम है कि महिला ही संचालित करेगी। इसी तरह इस पिंक टॉयलेट को संचालन करने वाले ने अपना गोदाम ङ्क्षपक टॉयलेट के अंदर बना रखा है, जहां दुकान में काम करने वालों की चहल-कदमी होती रहती है।
चौक में लोहिया पार्क के पास के पिंक टॉयलेट के गेट पर प्लाई लगा दी गई है, जिससे वहां कोई न जाए तो कोनेश्वर मंदिर चौराहे के पिंक टॉयलेट पर ताला लटकता रहता है |