संवाद सूत्र नानौता। कस्बे के भारी दीनदारपुर गांव के रजनीश नागर (जो फिलहाल कैग में आडिट आफिसर हैं और नागपुर में पोस्टेड हैं) ने अपनी शादी में दहेज की कुप्रथा को सिरे से नकारते हुए एक अनूठी मिसाल पेश की है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
दो दिन पूर्व गाजियाबाद निवासी रेलवे इंजीनियर मनीषा के साथ हुए विवाह में वधु पक्ष से मिले लाखों रुपये का दहेज सम्मानपूर्वक लौटाते हुए शगुन के तौर पर सिर्फ एक रुपया और एक नारियल स्वीकार किया।
उनके पिता रणजीत सिंह भी पूरी तरह सहमत थे और दामाद की दृढ़ इच्छा देखकर मनीषा के पिता भंवर सिंह ने भी बिना दहेज शादी को खुशी-खुशी स्वीकार कर लिया। |