आर्टरी ब्लॉक होने के कारण आ सकता है हार्ट अटैक (Picture Courtesy: Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। आर्टरी ब्लॉक होने के बावजूद व्यक्ति को कई बार तब तक नहीं पता चलता, जब तक हार्ट अटैक या स्ट्रोक न आए। इससे पहले व्यक्ति को अक्सर यहीं लग रहा होता है कि वह पूरी तरह से स्वस्थ है। ऐसा इसलिए क्योंकि आर्टरीज 50% से ज्यादा ब्लॉक होने के बावजूद शरीर में कोई गंभीर लक्षण (Symptoms of Artery Blockage) दिखाई नहीं देते। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
दरअसल, आर्टरी ब्लॉक होने के संकेत इतने मामूली और छोटे होते हैं कि व्यक्ति का ध्यान उस ओर जाता ही नहीं है। कई बार लोग इन्हें मामूली समस्या समझकर अनदेखा भी कर देते हैं, जिसके कारण ब्लॉकेज बढ़ती जाती है। इसलिए आर्टरी ब्लॉकेज के छोटे-छोटे संकेतों (Warning Signs of Artery Blockage) को पहचानना जरूरी है। आइए जानें कैसे होते हैं ये लक्षण।
आर्टरीज ब्लॉक होने के साइलेंट संकेत
- बेवजह थकान- अगर बिना किसी मेहनत के, रोजमर्रा के काम जैसे नहाना, कपड़े बदलना या हल्का-फुल्का चलना भी बहुत थकान का कारण बन रहा है, तो यह चिंता का विषय है। जब आर्टरीज ब्लॉक हो जाती हैं, तो दिल को शरीर के हिस्सों तक ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। इसका सीधा असर एनर्जी लेवल पर पड़ता है और व्यक्ति हमेशा थका-थका सा महसूस करने लगता है।
- सीने में दर्द या बेचैनी- यह दिल तक कम ब्लड पहुंचने का एक अहम संकेत है। इसे हमेशा तेज दर्द के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। अक्सर यह सीने में भारीपन, जलन, दबाव, कसाव या फुलाव जैसा महसूस हो सकता है। यह डिसकम्फर्ट आमतौर पर शारीरिक या भावनात्मक तनाव के दौरान होती है और आराम करने पर कम हो जाती है।
- सांस फूलना- यदि हल्का-सा काम करने, सीढ़ियां चढ़ने या बिस्तर पर लेटते समय भी सांस फूलने लगे, तो यह दिल की कमजोरी का संकेत हो सकता है। ब्लॉक्ड आर्टरीज के कारण दिल फेफड़ों से शरीर तक ब्लड को ठीक से पंप नहीं कर पाता, जिससे सांस लेने में तकलीफ होती है।
- चक्कर आना या सिर हल्का लगना- दिमाग तक जरूरी मात्रा में ब्लड न पहुंच पाने के कारण चक्कर आने की समस्या हो सकती है। अचानक से खड़े होने पर या हल्का सा भी तनाव होने पर यदि आपको चक्कर आते हैं, तो इसे हल्के में न लें।
- ठंडे हाथ-पैर- पैरों की आर्टरीज में ब्लॉकेज का यह एक सामान्य लक्षण है। इसके साथ ही पैरों में दर्द, ऐंठन या सुन्नपन भी महसूस हो सकता है, खासकर चलने-फिरने के दौरान।
- घावों का धीमी गति से भरना- पैरों या टखनों पर बने घावों का ठीक होने में सामान्य से ज्यादा समय लगना भी खराब ब्लड सर्कुलेशन का संकेत है। ब्लॉक्ड आर्टरीज के कारण उस हिस्से तक सही मात्रा में पोषक तत्व और ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता, जिससे टिश्यूज की मरम्मत की प्रक्रिया धीमी पड़ जाती है।
यह भी पढ़ें- रात के इस वक्त बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा, इन 5 लक्षणों से कर सकते हैं वक्त रहते पहचान
यह भी पढ़ें- क्या कैल्शियम स्कोर से लगा सकते हैं हार्ट अटैक के जोखिम का पता? किन लोगों के लिए कारगर है यह टेस्ट?
Source:
|