जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। साइबर क्राइम थाना पुलिस ने एक ऐसे बीटेक छात्र को गिरफ्तार किया है, जिसने रियल 11 फेंटेसी गेमिंग मोबाइल एप के पेमेंट गेटवे को हैक करके 1.01 करोड़ की धोखाधड़ी की है। पुलिस टीम ने युवक का मोबाइल फोन और 25 लाख रुपये आरोपित के खाते से कोर्ट के जरिए रिकवर किए हैं। इस गिरोह के तीन सदस्यों को पुलिस ने दो अप्रैल को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
एप के पेमेंट गेटवे को किया हैक
एडीसीपी क्राइम पीयूष कुमार सिंह के मुताबिक गेमिंग एप संचालक अमित यादव ने बीते वर्ष 27 नवंबर को पुलिस को शिकायत देकर बताया था कि साइबर अपराधियों ने 17 जुलाई 2024 से 18 नवंबर 2024 तक एप के पेमेंट गेटवे को हैक कर 1.01 करोड़ रुपये खाते से निकाले थे।
शिकायत पर बीते वर्ष 27 नवंबर को साइबर क्राइम थाने में केस दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू की। इस मामले की जांच करते हुए पुलिस ने दो अप्रैल को बराबंकी निवासी देशराज, अभिषेक और आकाश को गिरफ्तार किया था।
विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर किए रुपए
रविवार को पुलिस ने बिजनौर के रेहड़ थानाक्षेत्र के कल्लूवाला निवासी उत्सव मंडल को कोतवाली क्षेत्र से गिरफ्तार किया। उत्सव मण्डल ने पूछताछ में बताया कि वह कंप्यूटर साइंस से बीटेक की पढ़ाई सिलीगुड़ी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नाेलाॅजी से कर रहा है। उसने ही गेमिंग एप से रुपये गड़बड़ी कर विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर किए थे।
कुल मिलाकर 40 लाख रुपये बरामद
वह गेमिंग एप के वाॅयलेट में एक रुपया जमा करता था और वालेट में गड़बड़ी कर दो हजार रुपये दिखते थे। इसी तरह आरोपित और उसके साथियों ने रिफंड के रूप में साइबर धोखाधड़ी कर 20 बैंक खातों में 1.01 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर निकाले थे। इस में पुलिस आरोपित बीटेक छात्र एवं पूर्व में पकड़े गए तीन आरोपितों से कुल मिलाकर 40 लाख रुपये बरामद कर चुकी है
पढ़ाई में तेज-तर्रार है आरोपित बीटेक छात्र
आरोपित युवक को पढ़ाई के दौरान साफ्टवेयरों में बग (कमी) तलाशने पर कई बार ईनाम मिल चुका है। जिस कंपनी का उसने पेमेंट गेटवे हैक किया उसके साफ्टवेयर की जांच का जिम्मा भी एक बार आरोपित युवक काे मिला था। वहीं से उसे साफ्टवेयर एवं पेमेंट गेटवे हैक कर कमाई का विचार आया।
जमा धनराशि को कई गुना दिखाकर ऐसे लिया रिफंड
गिरफ्तार आरोपित उत्सव मंडल ने बताया कि उसने रियल 11 एप के पेमेंट गेटवे और साफ्टवेयर में एपीआइ (एपलीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस) के माध्यम से हैकिंग की। ट्रांजेक्शन मैनीपुलेशन और मल्टीपल टाइम्स कांटेस्ट कैंसिल तकनीक का प्रयोग कर वालेट में जमा धनराशि को कई गुना बढ़ा दिया और अपने बैंक खातों में रिफंड प्राप्त कर धनराशि निकाल ली।
कंपनी को तब पता चला पूरा मामला
पुलिस के मुताबिक, आरोपित ने बेहद छोटी धनराशि गेमिंग एप के वाॅयलेट में डाली। फिर बिना खेले ही अपनी धनराशि को साफ्टवेयर में हैकिंग के जरिये कई गुना दिखा दिया। रिफंड प्रोसेस करते समय कंपनी को वाॅयलेट में जो धनराशि दिखी वही वापस कर दी गई। कंपनी को अपने खाते में जमा धनराशि और रिफंड में भारी अंतर आने पर गड़बड़ी का पता चलने पर पुलिस के पास मामला पहुंचा।
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