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Darbhanga news : नौ महीने से जेब खाली, उम्मीदें भी सूख रहीं, संस्कृत विश्वविद्यालय में किसने रोकी मानदेय की राह?

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यह तस्वीर जागरण आर्काइव से ली गई है।



जागरण संवाददाता, दरभंगा । कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के अतिथि शिक्षकों को पिछले नौ माह से मानदेय का भुगतान नहीं हो रहा है। इनकी स्थिति काफी दयनीय हो गई है। प्रशासनिक शिथिलता के कारण मानदेय के भुगतान में विलंब हो रहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

अतिथि शिक्षकों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार से 57 अतिथि शिक्षकों मानदेय भुगतान की राशि विश्वविद्यालय को प्राप्त हो चुकी है। बावजूद भुगतान नहीं हो रहा है। कुलपति प्रो लक्ष्मी निवास पांडेय के आदेश पर पूर्व से कार्यरत अतिथि शिक्षकों को पहली मार्च से 20 मई 2025 तक का सेवा विस्तार दिया गया था।

ग्रीष्मावकाश के बाद पूर्व की भांति शैक्षिक सत्र 2025- 2026 में अतिखि शिक्षकों ने 21 जून से अध्यापन कार्य आरंभ किया। मानदेय भुगतान नहीं होने पर बाध्य होकर शिक्षकों ने विश्वविद्यालय मुख्यालय पर आमरण अनशन भी किया था।इसके अलावा सेवा नवीनीकरण को लेकर भी आंदोलन किया गया था। अब भी सेवा नवीनीकरण की आस में दर्जनों शिक्षक भटक रहे हैं।

अतिथि शिक्षकों ने कहा कि ना तो सेवा नवीनीकरण की अधिसूचना और ना ही मानदेय को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन गंभीर है। ऐसी स्थिति में शिक्षकों के सामने भूखमरी की स्थिति आई गई है। बता दें कि 26 सितंबर 2025 को शिक्षा विभाग ने अतिथि शिक्षकों के लिए मानदेय की राशि भुगतान संबंधित पत्र जारी किया था। इसके बाद भी मानदेय भुगतान को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन की स्थिति स्पष्ट नहीं हो रही है। कुलसचिव डा. ब्रजेश पति त्रिपाठी ने कहा कि वेतन भुगतान को प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही अतिथि शिक्षकों को उनका लंबित मानदेय भुगतान कर दिया जाएगा।
कार्बोहाइड्रेट रसायन पर उत्कृष्ट शोध के लिए मिला सम्मान

सीएम साइंस कालेज के रसायन विज्ञान विभाग के सहायक प्रोफेसर सह विभागाध्यक्ष डा. विश्व दीपक त्रिपाठी को उनके उत्कृष्ट एवं महत्वपूर्ण शोध कार्य के लिए काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में आयोजित प्रतिष्ठित अंतराष्ट्रीय कार्बोहाइड्रेट सम्मेलन में सम्मानित किया गया। तीन दिवसीय इस आयोजन में देश-विदेश के शीर्ष वैज्ञानिकों और शिक्षाविदों ने भाग लिया, जिसमें डा. त्रिपाठी के शोध को विशेष सराहना और पुरस्कार प्रदान किया गया।

डा. विश्व दीपक त्रिपाठी ने बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के रसायन विज्ञान विभाग में आयोजित इस मंच पर अपना विस्तृत शोध कार्य भी प्रस्तुत किया। उनका यह अनुसंधान \“कार्बोहाइड्रेट रसायन\“ के क्षेत्र में केंद्रित है, जिसका आधुनिक चिकित्सा विज्ञान और सामग्री विज्ञान में व्यापक अनुप्रयोग है।
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