अखिलेश दुबे का एक और आडियो वायरल हुआ है।.
जागरण संवाददाता, कानपुर। भाजपा नेता रवि सतीजा पर लड़की के जरिए दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराने के आरोपित अखिलेश दुबे का एक और आडियो बुधवार को प्रचलित हुआ, जिसमें अखिलेश और अनुराग नाम के एक अधिवक्ता के बीच करीब पांच मिनट की बातचीत है। इस दौरान अखिलेश ने सतीजा पर दर्ज मुकदमे के दूसरे आरोपित ध्रुव गुप्ता के बारे में बता उसका नाम भी विवेचना हटाने के तरीके अधिवक्ता को बता रहा है। बातचीत के कुछ अंश... विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
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- अनुराग- हेलो, जय माता दी
- अखिलेश दुबे- अनुराग भइया अखिलेश दुबे बोल रहा हूं।
- अनुराग- भइया प्रणाम, भइया प्रणाम।
- अखिलेश दुबे- बहुत खुश रहो, बहुत खुश रहो भइया।
- अखिलेश- ऐसा है, एक मुकदमा कायम हुआ था। इसमें 376, पाक्सो और गैंगरेप में रवि सतीजा फंसे थे।
- अनुराग- हां, हां
- अखिलेश- इसमें दूसरा नाम ध्रुव गुप्ता का है। स्वरूप नगर का पता उसमें आया था।
- अनुराग- जी जी
- अखिलेश: अब विवेचना में इन्हें निर्दोष पाया गया। ये घटना के समय नहीं थे। अब दिक्कत ये है कि वो मुकदमे का डिस्पोजल इसलिए नहीं हो रहा है, क्याेंकि उसमें ध्रुव ग्रुप्ता की लिखनी पड़ेगी कि वो यहां नहीं थे, वहां थे। दो-तीन गवाही लिखानी पड़ेगी। उसके बिना तो उसका नाम निकलेगा नहीं।
- अनुराग-जी जी।
- अखिलेश दुबे-एफआइआर की कापी है। इनको मालूम है। अभी तक पर्चे में नाम खोला जानबूझकर नहीं गया है। नाम खोल देंगे तो फिर इनका वारंट लेना पड़ेगा। एक बार तो पता उस लड़की ने बता दिया, लेकिन 164 में ध्रुव का पता नहीं है।
- अनुराग-जी जी जी
- अखिलेश: 161 में बताया है, तो उसमें लिखा नहीं गया है। इनके यहां जो घटनास्थल बताया गया है। उस घटनास्थल पर इनका परिवार रहता है, जो होटल की घटना दिखाई है। उसमें इनका नाम निकालना तो आसान है। नाम निकाल देंगे। ध्रुव की विवेचना चलती रहेगी। केवल इनका डिफेंस लिखकर उसे खत्म करा दिया जाए। ताकी पूरा मुकदमा क्लोज करा दें।
- अनुराग- जी जी जी
- अखिलेश- उसमें करना ये पड़ेगा कि लड़की का एक एफिडेविड लगेगा, जो कहेगा मैंने देखकर पहचाना ये वो ध्रुव गुप्ता नहीं है, जो उस तारीख को था। वास्तव में ध्रुव गुप्ता है वह कोई अन्य व्यक्ति या इस ध्रुव गुप्ता के नाम का प्रतिरूपण किया था। लड़की को सतीजा ने तैयार कर लिया है, लेकिन केस क्लोज तक तक नहीं होगा, जब तक ध्रुव का नाम नहीं निकलेगा। वरना इनका निकल जाएगा और ध्रुव का चलता रहेगा। ये चाहते हैं पूरा केस क्लोज हो जाए।
- अनुराग- कोई नहीं, ठीक बात है। अरे भइया, जहां आप हैं वहां कोई दिक्कत नहीं है।
- अखिलेश- न एक रुपया कोई पुलिस लेगी और न एक रुपया लड़की लेगी। साफ सुथरा काम है। उससे कह देंगे पहचान कर बता दो। नहीं है तो एफिडेविड दे दो। एफिडेविड देगी कि हम मिले हैं। पहचानकर देखा तो ये ध्रुव नहीं है, जिन्होंने मेरे साथ घटना की थी। तो इनका नाम भी निकल जाएगा मुकदमे से। थोड़ा सपोर्ट में एक दो गवाह भी और लिख दिए जाएंगे कि घटना चार तारीख की थी, जबकि उस तारीख को हम लोग न्यू ईयर के बाद की पार्टी में थे।
- अखिलेश दुबे- आपका क्लाइंट हो तो काम करा लीजिए।
- अनुराग- नहीं, मेरा वो क्लाइंट नहीं है, लेकिन दूसरे ध्रुव गुप्ता हैं, जिनके थ्रू हमने उनके पास भिजवाई थी खबर।
- अखिलेश- तो दूसरे ध्रुव गुप्ता हैं क्या।
- अनुराग। अरे, वहां स्वरूप नगर में चार ध्रुव ग्रुप्ता हैं।
- अखिलेश- नहीं ये वो हैं जो मेन रोड पर दि चाट चौराहे के पास उसके घर के सामने एटीएम लगा हुआ है।
- अनुराग- हमने उनके घर आदमी भेजा है और कल हमने आपका नंबर भी भेज दिया। आज फिर कहता हूं...भइया के पास तुरंत चले जाएं।
- अखिलेश- हमें जानता नहीं है न तो सोचेगा कि वकील फैसले के चक्कर में तो नहीं कर रहे हैं।
- अनुराग- नहीं नहीं नहीं, आपकी रेपोटेशन है कानपुर में, आपके ऊपर बड़ी कृपा है भगवान की।
- अखिलेश- हम ये चाहते हैं भला हो जाए। आपके थ्रू हो जाएगा तो आपको कम से कम ओब्लाइज तो करता है आदमी।
- अखिलेश- हम तो खाली फोन से कह देंगे तो इनका काम हो जाएगा यार।
- अनुराग-भइया के रहते कोई दिक्कत ही नहीं है।
- अखिलेश- तो करवा लीजिए, कोशिश करिए कि आज रात में हो जाए तो कल मुकदमा खत्म कर दें। ये वाला।
- अनुराग- मैं कोशिश करता हूं कि वो आपसे मिल लें।
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