व्यावासयिक मालवाहक वाहनों को ईसीसी पर मिलने वाली छूट खत्म। आर्काइव
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली में 156 टोल नाकों पर लगने वाले जाम को खत्म करने के लिए एमसीडी ने बड़ा कदम उठाया है।
इसके लिए व्यावासयिक मालवाहक वाहनों पर पर्यावरण क्षतिपूर्ति शुल्क( ईसीसी) पर मिलने वाली छूट खत्म कर दी गई है। यह आदेश एमसीडी ने जारी किया हैं।
अब सभी व्यावासायिक मालवाहक वाहनों से ईसीसी वसूला जाएगा। जबकि पूर्व में सब्जी, दूध जैसी जरुरी वस्तुएं लाने वाले व्यावसायिक वाहनों को ईसीसी में 100 प्रतिशत की छूट और दिल्ली में प्रवेश करने वाले खाली मालवाहक वाहनों को 50 प्रतिशत की रियायत मिलती थी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अब यह रियायत नहीं मिलेगी। निगम ने यह कदम सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर उठाया है। सुप्रीम कोर्ट में निगम ने ही हस्तक्षेप याचिका दायर की थी।
जिसमें उसने ईसीसी में जरूरी वस्तुएं और खाली वाहनों पर मिलने वाली छूट को खत्म कर एकरूपता की बात कही थी। कोर्ट ने इसे स्वीकार कर लिया है, जिसके बाद एमसीडी ने इसे लागू कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि अभी तक व्यावासायिक मालवाहक वाहन के आकार के हिसाब टोल और ईसीसी शुल्क दिल्ली में प्रवेश के दौरान एमसीडी टोल पर आरएफआईडी टैग से लिया जाता था।
जांच के दौरान लग जाती थी वाहनों की कतार
अगर, कोई वाहन चालक यह दावा करता है उसके वाहन में जरूरी वस्तुएं हैं तो वाहन की टोल नाके पर ही जांच की जाती थी और वाहन की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की जाती थी।
दावा सही निकलने पर वाहन के आरएफआईडी टैग में काटे गए ईसीसी शुल्क को अगले दिन रिफंड कर दिया जाता था। लेकिन वाहन चालक के दावे पर हुई वीडियोग्राफी और वाहन की जांच के दौरान पीछे से आ रहे दूसरे वाहनों को इस दौरान इंतजार करना पड़ता था।
इससे जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती थी। अब चूंकि सभी तरह के व्यावसायिक मालवाहक वाहनों पर ईसीसी शुल्क वसूला जाएगा तो वाहनों की जांच और वीडियोग्राफी की जरूरत नहीं पड़ेगी। जिससे जाम पीछे आ रहे दूसरे वाहनों को इंतजार नहीं करना पड़ेगा।Central Government employees,Dearness Allowance hike,Pensioners Dearness Relief,Cabinet Committee decision,Diwali bonus for employees,Increased purchasing power,Government financial burden,Central Government pensions,Ashwini Vaishnaw announcement,State government employees
ट्रांसपाेर्ट्स ने बताया व्यापार विरोधी निर्णय
इस नए नियम से लाभ यह भी होगा कि ईसीसी से दिल्ली सरकार का राजस्व बढ़ेगा। ईसीसी वायु प्रदूषण को कम करने के लिए वर्ष 2015 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर लागू किया गया था लेकिन जरूरी वस्तुओं और खाली मालवाहक वाहनों को इसमें छूट प्रदान की गई थी।
ऑल इंडिया मोटर एंड गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र कपूर ने इसे व्यापार विरोधी निर्णय बताया है। उन्होंने पहले से ही दिल्ली में ट्रक और मालवाहक वाहन बड़ी मुश्किल से आते हैं।
इससे व्यापार खत्म हो जाएगा। साथ ही दूध और सब्जी जैसी जरूरी वस्तुओं लाने पर भी ईसीसी लगेगा तो इनके दामों में वृद्धि हो जाएगी। पहले ही महंगाई बहुत है ऐसे में लोग कैसे जीवन यापन करेगा। सरकार को चाहिए था कि वह ईसीसी खत्म करें न की सभी पर लागू करें।
- 2015 से 2021 तक 1298 करोड़ रुपये की ईसीसी की वसूली हुई थी।
- 70 हजार व्यावसायिक वाहन औसतन दिल्ली में प्रवेश करते हैं।
- 29 हजार कार होती हैं।
- 25 हजार एमएलवी होते हैं।
- हल्का वाणिज्य वाहन- 6 हजार औसतन इसमें हल्के व्यावसायिक वाहन होते हैं।
- 2800 बसें होती हैं।
- 3400 दो एक्सल वाले ट्रक होते हैं।
- 1000 तीन धूरी के वाणिज्य वाहन होते हैं।
- 1100 तीन धूरी से ज्यादा वाले वाणिज्य वाहन होते हैं।
इन बॉर्डरों पर वसूला जाता है ईसीसी
दिल्ली में 156 टोल नाके हैं। इसमें 13 प्वाइंट ऐसे हैंख् जहां से 85 प्रतिशत व्यावसायिक वाहन दिल्ली में आते हैं। दिल्ली में ईसीसी कारण रजौकरी, बदरपुर, गाजीपुर मैन, गाजीपुर ओल्ड, कालिंदी कुंज, सिंघु बाॅर्डर, भोपुरा बाॅर्डर पर जाम लगता है।
किस वाहन पर कितना लगता है ईसीसी
- छोटे मालवाहक वाहन पर 1400 रुपये प्रति एंट्री
- बड़े मालवाहक वाहन पर 2600 रुपये प्रति एंट्री
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