गाजियाबाद देश के सबसे प्रदूषित शहरों में पहले स्थान पर है। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, साहिबाबाद। प्रदूषण के मामले में देश के 239 शहरों में गाजियाबाद पहले स्थान पर है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, बुधवार को जिले का एक्यूआई 422 दर्ज किया गया। ग्रेटर नोएडा 420 एक्यूआई के साथ दूसरे स्थान पर रहा। मंगलवार को भी गाजियाबाद देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा। प्रदूषण ने लोगों की सांसों के लिए खतरा पैदा कर दिया है और अधिकारी केवल कार्रवाई की योजना बना रहे हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सीपीसीबी और आईक्यू एयर के एक्यूआई के बीच महत्वपूर्ण अंतर ने लोगों में भ्रम पैदा कर दिया है। सीपीसीबी के समीर ऐप ने आईक्यू एयर के दोगुने से भी अधिक एक्यूआई दर्ज किया। आईक्यू एयर के अनुसार, जिले का एक्यूआई केवल 231 दर्ज किया गया। संजय नगर, वसुंधरा, इंदिरापुरम और लोनी में भी ऐसे ही हालात हैं।
सीपीसीबी के अनुसार, संजय नगर में सबसे अधिक 440 एक्यूआई दर्ज किया गया। गंभीर वायु गुणवत्ता से मुक्त कोई क्षेत्र नहीं बचा है। लोग जहरीली हवा में जीने को मजबूर हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी रोकथाम के तमाम दावे कर रहे हैं, लेकिन उनका असर दिखाई नहीं दे रहा है।
दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही स्थिति
ज़िले में प्रदूषण की स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है। इस साल कम से कम आठ से दस बार यह देश में पहले स्थान पर रहा है। इसके अलावा, हर दिन यह दूसरे या तीसरे स्थान पर भी रहता है। लोगों को प्रदूषण से तभी थोड़ी राहत मिलती है जब हवा चलती है या बारिश होती है।
प्रदूषण में सबसे बड़ा योगदान देते हैं धूल और धुआं
सड़कों पर धूल और धुआँ प्रदूषण में सबसे बड़ा योगदान देते हैं। ट्रांस-हिंडन के कई इलाकों में सड़कें टूटी हुई हैं, जिससे दिन भर धूल उड़ती रहती है। जगह-जगह कूड़े के ढेर में आग लगा दी जाती है, जिससे निकलने वाला धुआँ प्रदूषण में योगदान देता है।
दिल्ली-एनसीआर AQI : वर्तमान स्थिति
स्थान CPCB स्टेशन AQI IQ Air
गाजियाबाद
422
231
वसुंधरा
412
217
इंदिरापुरम
411
189
लोनी
426
223
संजय नगर
440
227
श्रेणी: गंभीर+ (Severe Plus) | स्रोत: CPCB & IQ Air (रियल-टाइम डेटा)
पिछले कुछ दिनों में जिले का AQI
गाजियाबाद जिला : पिछले 6 दिनों का AQI
तारीख AQI
18 नवंबर
434
17 नवंबर
401
16 नवंबर
419
15 नवंबर
392
14 नवंबर
370
13 नवंबर
370
श्रेणी: गंभीर (Severe) से गंभीर+ (Severe Plus) | स्रोत: CPCB रियल-टाइम डेटा
सभी विभाग मिलकर अपना काम कर रहे हैं। मौसम में नमी के कारण प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। हवा न चलने के कारण धूल के कण वातावरण में तैरते रहते हैं।
-अंकित सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी, यूपीपीसीबी।
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