सीएम योगी आदित्यनाथ और यूएनडीपी के बीच ऐतिहासिक समझौता
राज्य ब्यूराे, जागरण, लखनऊः संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के माध्यम से आपदा जोखिम प्रबंधन सुदृढ़ीकरण योजना के तहत सभी जिलों में आपदा से बचाव के लिए समितियों का गठन किया जाएगा। इसके साथ ही आपदा से संबंधित 15 विभागों के लिए कार्ययोजना भी तैयार की जाएगी। इसे तीन वर्षों में चरणबद्ध तरीके से क्रियान्वित किया जाएगा। प्रदेश में आपदा प्रबंधन तंत्र को नया रूप देने की दिशा में इसे महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
प्रदेश में इसके साथ ही राहत आयुक्त कार्यालय में योजना प्रबंधन केंद्र स्थापित किया जाएगा। इस संदर्भ में पिछले दिनों राहत आयुक्त कार्यालय और यूएनडीपी के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं। राजस्व विभाग के कार्यालय में बुधवार को राहत आयुक्त डा. हृषिकेश भास्कर याशोद ने योजना की प्रगति की समीक्षा की।
आपदा प्रबंधन को लेकर गठित समिति की पहली समीक्षा बैठक में राहत आयुक्त ने कहा कि पहले चरण के लिए चिह्नित 20 शहरों में जल्द से जल्द आपदा प्रबंधन समिति का गठन किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि राज्य की आपदा प्रबंधन आवश्यकताओं के अनुरूप योजना को और अधिक सुदृढ़ बनाया जाए। बैठक में राजस्व विभाग के विशेष सचिव भवानी सिंह खंगारौत, यूएनडीपी के मनीष मोहन दास व आशीष चतुर्वेदी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
आपदा प्रबंधन योजना के मुख्य घटक
- रोकथाम और शमन : आपदाओं के जोखिम को कम करने और संरचनात्मक तथा गैर-संरचनात्मक उपाय करने पर ध्यान केंद्रित करना।
- तैयारी : पूर्व चेतावनी प्रणाली स्थापित करना, सूचना प्रसार, और लोगों तथा समुदायों को आपदाओं के लिए तैयार करना।
- प्रतिक्रिया : आपदा के घटित होने पर तुरंत प्रतिक्रिया देना, जिसमें खोज और बचाव, चिकित्सा देखभाल, और भोजन व पानी जैसी आवश्यक आपूर्ति सुनिश्चित करना शामिल है।
- पुनर्प्राप्ति : आपदा के बाद सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए पुनर्वास और पुनर्निर्माण के कार्यों की योजना बनाना।
उद्देश्य जीवन और संपत्ति के नुकसान को कम करना
आपदा प्रबंधन योजना एक व्यापक रणनीति है जिसमें आपदाओं को रोकने, शमन करने, उनसे निपटने और पुनर्प्राप्त करने के लिए विभिन्न चरणों को शामिल किया गया है। यह सरकार, एजेंसियों और समुदायों की भूमिकाओं को स्पष्ट करती है, जिसमें प्रारंभिक चेतावनी, निकासी, बचाव, स्वास्थ्य सेवाएं और पुनर्वास जैसे कई महत्वपूर्ण कार्य शामिल होते हैं। इस योजना का उद्देश्य जीवन और संपत्ति के नुकसान को कम करना है और इसे राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तरों पर लागू किया जाता है। |