search

Sahara Refund: निवेशकों के पैसे ही नहीं, कर्मचारियों की सैलरी भी लटकी; सुप्रीम कोर्ट में कल होगी सुनवाई

deltin33 2025-11-17 00:07:19 views 744
  

सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सहारा ग्रुप की कंपनियों से कर्मचारियों के लंबित वेतन भुगतान की मांग वाली अंतरिम याचिकाओं पर सुनवाई करेगा।



नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सहारा ग्रुप की कंपनियों से कर्मचारियों के लंबित वेतन भुगतान की मांग वाली अंतरिम याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। शीर्ष अदालत की कारण सूची के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

शीर्ष अदालत ने 14 अक्टूबर को केंद्र, सेबी और अन्य हितधारकों से सहारा इंडिया कमर्शियल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एसआईसीसीएल) की उस याचिका पर जवाब मांगा था, जिसमें आदित्य प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड को 88 प्रमुख संपत्तियां बेचने की अनुमति मांगी गई है। एसआईसीसीएल की याचिका 17 नवंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है।

शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश से वकीलों ने आग्रह किया कि कर्मचारियों की अंतरिम याचिकाओं को भी सोमवार को सूचीबद्ध किया जाए, क्योंकि उन्हें कई महीनों से वेतन नहीं मिला है।
वित्त और सहकारिता मंत्रालयों को पक्षकार बनाने का आदेश

इससे पहले, न्यायमूर्ति सूर्य कांत और एम एम सुंदरेश की बेंच ने सहारा ग्रुप की रिफंड दायित्वों से संबंधित लंबित मामले में एसआईसीसीएल की अंतरिम आवेदन (आईए) पर सुनवाई की। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के सबमिशन पर ध्यान देते हुए बेंच ने वित्त और सहकारिता मंत्रालयों को पक्षकार बनाने का आदेश दिया और 17 नवंबर तक याचिका पर जवाब मांगा।

बेंच ने एमिकस क्यूरी वरिष्ठ अधिवक्ता शेखर नफाड़े को आदित्य ग्रुप कंपनी को बेची जाने वाली 88 संपत्तियों का विवरण संकलित करने को कहा। एमिकस क्यूरी को अन्य हितधारकों के जवाबों पर ध्यान देते हुए संपत्तियों की प्रकृति बतानी होगी, जिसमें यह शामिल है कि संपत्तियां स्वच्छ हैं या विवादित।

बेंच ने केंद्र, एमिकस क्यूरी और सेबी को सहारा कंपनी की आवेदन में की गई प्रार्थनाओं पर जवाब देने को कहा। मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “हम तय करेंगे कि संपत्तियों को टुकड़ों में बेचा जाए या एक साथ।“
वेतन न मिलने वाले कर्मचारियों के दावों की जांच करने का निर्देश

अदालत ने सहारा ग्रुप को कई वर्षों से वेतन न मिलने वाले कर्मचारियों के दावों की जांच करने का निर्देश दिया। एमिकस क्यूरी को कर्मचारियों के वेतन और बकाया की जांच करने को कहा गया और अगली सुनवाई तिथि पर विचार किया जाएगा।

सभी याचिकाओं, जिसमें हस्तक्षेप आवेदन और सहारा कंपनी की याचिका शामिल है, को 17 नवंबर को विचार के लिए निर्धारित किया गया है।
सहारा घोटाले का इतिहास

सहारा इंडिया परिवार (Sahara India Pariwar) की शुरुआत 1978 में लखनऊ में सुब्रत रॉय (Subrata Roy) ने की थी। शुरू में यह एक छोटी चिटफंड कंपनी थी, जो बाद में रियल एस्टेट, मीडिया, होटल, फाइनेंस और रिटेल जैसे क्षेत्रों में फैल गई। सहारा ने खुद को “भारत का सबसे बड़ा परिवार“ बताते हुए लाखों लोगों से निवेश जुटाया। लेकिन 2011 में यह मामला सेबी (SEBI) के रडार पर आया और देश के सबसे बड़े वित्तीय घोटालों में से एक बन गया।
अदाणी समूह की भूमिका

सहारा इंडिया ग्रुप के लंबे समय से चले आ रहे वित्तीय संकट में अब अदाणी समूह एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। 2025 में सहारा ने अपनी 88 प्रमुख संपत्तियों को अदाणी प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड को बेचने का प्रस्ताव दिया है, जो सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी का इंतजार कर रहा है। यह सौदा सहारा के लिए निवेशकों को रिफंड चुकाने का अंतिम बड़ा प्रयास हो सकता है, जबकि अदाणी के लिए यह रियल एस्टेट पोर्टफोलियो को मजबूत करने का रणनीतिक कदम है।

यह भी पढ़ें: सहारा इंडिया में फंसे पैसे से जुड़ी बड़ी खबर! बकाया लौटाने के लिए ग्रुप ने उठाया ये कदम
like (0)
deltin33administrator

Post a reply

loginto write comments
deltin33

He hasn't introduced himself yet.

1410K

Threads

0

Posts

4210K

Credits

administrator

Credits
426389

Get jili slot free 100 online Gambling and more profitable chanced casino at www.deltin51.com