जागरण संवाददाता, कानपुर। जीएसवीएम मेडिकल कालेज के सुपर स्पेशलिस्ट ब्लाक जीएसवीएसएस पीजीआइ में कैप्सूल एंडोस्कोपी और स्पाई ग्लास कोलोंजियोस्कोप की मदद से पेट और आंत की हर गंभीरता का बारीकी अध्ययन किया जा सकेगा। कैप्सूल कैमरा पेट और आंत के गंभीर रोग जैसे संक्रमण, ट्यूमर, पथरी की गंभीरता के इलाज को आसान करेगा। वहीं, स्पाई ग्लास कोलोंजियोस्कोप पित्त की नलिका में फंसी पथरी को तोड़ने के साथ बायोप्सी लेने में मददगार होगा। मेडिकल कालेज की ओर से स्पाई ग्लास कोलोंजियोस्कोप व कैप्सूल एंडोस्कोपी की सुविधा नए वर्ष तक के मेडिकल कालेज में शुरू हो जाएगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
जीएसवीएम मेडिकल कालेज के प्राचार्य प्रो. संजय काला ने बताया कि गैस्ट्रोएंटरोलाजी विभाग में स्पाई ग्लास कोलोंजियोस्कोप इलेक्ट्रो हाइड्रालिक्स लिटोट्रिप्सी और कैप्सूल एंडोस्कोप के क्रय करने की अनुमति शासन द्वारा मिल चुकी है। जल्द ही इन उपकरणों का लाभ मरीजों को मिलने लगेगा। स्पाई ग्लास कोलोंजियोस्को 70 लाख और कैप्सूल एंडोस्कोप 20 लाख रुपये की धनराशि से खरीदा जाएगा।
गैस्ट्रोएंटरोलाजी विभागाध्यक्ष डा. विनय कुमार ने बताया कि कैप्सूल एंडोस्कोप एक छोटा कैमरा की तरह होता है। जो एक कैप्सूल के आकार में मरीज को निगलने के लिए दे दिया जाता है। यह कैमरा पेट और आंतों की गंभीर समस्या की तस्वीरें लेता है, इससे डाक्टरों को पाचन तंत्र की समस्याओं से पता लगाने में मदद मिलती है। यह तकनीक विशेष रूप से छोटी आंत की जांच करने में उपयोगी है, जहां अन्य एंडोस्कोपी विधियों से पहुंचना मुश्किल होता है।
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही स्पाई ग्लास कोलोंजियोस्कोप भी विभाग में जल्द आ जाएगा। यह पित्त नलिकाओं (बाइल डक्ट्स) की जांच करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह एक पतली, लचीली ट्यूब होती है जिसमें एक कैमरा और लाइट होती है, जो डाक्टरों को पित्त नलिकाओं की दीवारों को देखने और समस्याओं का पता लगाने में मददगार होती है।
मिलेगी यह सुविधा
स्पाई ग्लास कोलोंजियोस्कोप व कैप्सूल एंडोस्कोपी की मदद से पित्त नलिकाओं में पथरी और अन्य अवरोधों का पता लगाया जा सकेगा। पित्त नलिकाओं में सूजन या संक्रमण, कैंसर व ट्यूमर, पित्त नलिकाओं में अन्य जटिलताएं व आकार में बड़ी पथरी को तोड़कर निकालने की सुविधा मिलेगी। |
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