ज्वैलरी, बिस्किट या फिर सोने के सिक्के... त्योहारी सीजन में क्या खरीदना है सबसे सही?
नई दिल्ली| Gold Investment: त्योहारी सीजन शुरू हो चुका है और घर-घर में सोने की खरीदारी की बात हो रही है। शादी-ब्याह हो या दिवाली-धनतेरस (Diwali Dhanteras), सोना भारतीयों की पहली पसंद रहा है। लेकिन बड़ा सवाल ये है कि निवेश के लिहाज से सोने का बिस्किट, सिक्के या फिर ज्वैलरी, आखिर कौन सा विकल्प सबसे सही है? क्योंकि, सोना अब सिर्फ ज्वैलरी तक ही सीमित नहीं रह, बल्कि अब लोग गोल्ड को निवेश का सबसे सुरक्षित तरीका समझते हैं। तो चलिए पूरा कैलकुलेशन समझते हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सोने की ज्वैलरी (Gold Jewelery)
ज्वैलरी दिखने में सुंदर होती है और भावनाओं से जुड़ी होती है। त्योहारों और उपहारों के लिए यह हमेशा डिमांड में रहती है। लेकिन निवेश के लिहाज से ज्वैलरी उतनी फायदेमंद नहीं है। इसमें मेकिंग चार्ज और डिजाइन प्रीमियम जुड़ जाते हैं, जिससे बेचते समय 10–15% तक घाटा हो सकता है।
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सोने के बिस्किट (Gold Biscuit)
गोल्ड बिस्किट निवेश के लिहाज से बेहतर माने जाते हैं। इसमें शुद्ध सोना होता है और मेकिंग चार्ज बहुत कम या न के बराबर। रिसेल करते वक्त इनका दाम बाजार रेट के करीब मिलता है। हालांकि इन्हें सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी होती है और इस पर 3% GST देना पड़ता है।
सोने के सिक्के (Gold Coin)
गोल्ड कॉइन भी निवेश का अच्छा जरिया हैं। ये 22 कैरेट या 24 कैरेट शुद्ध सोने के होते हैं। इन पर मेकिंग चार्ज नहीं लगता और बाजार दर पर आसानी से बेचे जा सकते हैं। भरोसेमंद ब्रांड के सिक्के खरीदना फायदेमंद होता है। लेकिन सिक्कों की कीमत थोड़ी ज्यादा हो सकती है और इन्हें भी सुरक्षित जगह रखना जरूरी है।
कैलकुलेशन से ऐसे समझें
इंडिया बुलियन ज्वैलरी एसोसिएशन (IBJA) पर मंगलवार को सोने का भाव 1,15,349 रुपए प्रति 10 ग्राम (99.9% शुद्ध) पर पहुंच गया। मान लीजिए, अगर आप 10 ग्राम सोने का बिस्किट खरीदते हैं तो:
- खर्च: 1,15,349 रुपए + 3% GST (3,460 रुपए) + मेकिंग चार्ज (औसत 2,000 रुपए) = कुल 1,20,809 रुपए
- कैलकुलेशन: निवेश = 1,15,349 रुपए, सालाना रिटर्न (10%) = 11,534 रुपए, खर्च कटौती (GST+मेकिंग) = 5,460 रुपए, शुद्ध फायदा = 6,074 रुपए।
- फायदा: सोना सुरक्षित निवेश है, जो महंगाई और आर्थिक अनिश्चितता में भी अच्छा रिटर्न देता है। पिछले 10 साल में इसने 8-12% सालाना रिटर्न दिया है।
- नुकसान: छोटी अवधि में कीमत घट-बढ़ सकती है। बिस्किट/सिक्कों में स्टोरेज और इंश्योरेंस का खर्च (0.5-2% सालाना)। ज्वैलरी में मेकिंग चार्ज ज्यादा लगता है और उसकी रीसेल वैल्यू भी कम होती हो।
एक्सपर्ट्स की सलाह
विशेषज्ञ कहते हैं कि अगर सोने को निवेश मानकर खरीदना है तो बिस्किट या सिक्के बेहतर विकल्प हैं। ज्वैलरी भावनाओं और पहनावे के लिए अच्छी है, लेकिन शुद्ध निवेश के लिहाज से उतनी फायदेमंद नहीं।
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