deltin33 • 2025-11-14 22:43:05 • views 767
संवाद सूत्र, शाहपुर (आरा)। शाहपुर विधानसभा क्षेत्र में एनडीए समर्थित भाजपा के राकेश रंजन की जीत कई मायनों में खास रही। इस जीत के साथ ही राकेश रंजन शाहपुर विधानसभा में अब तक के सबसे युवा विधायक बन गए। जीत के बाद क्षेत्र के लोगों में एक बात की भी चर्चा होती रही कि गाऊना के रूप में राकेश आ गइले। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
स्व.विशेश्वर ओझा को क्षेत्र में लोग सम्मान से गाउना कहते थे। राजेश रंजन महज 27 वर्ष के उम्र में शाहपुर के विधायक निर्वाचित हुए। वही तिवारी खानदान के बाद दूसरा विरासती खानदान के सदस्य बन गए जिसका दूसरा सदस्य बिहार विधानसभा में शाहपुर का प्रतिनिधित्व करेगा।
साथ ही साथ राजद के राहुल तिवारी के अपने दादा पंडित रामानंद तिवारी की तरह हैट्रिक लगाने की मंसूबे पर पानी फेर दिया। वही माता व पिता के हराने वाले विधानसभा चुनाव में हराने वाले राहुल तिवारी को करारी शिकस्त देकर बदला भी चुका दिया।
इसके साथ ही विधानसभा में ओझा ब्रांड को पुनः स्थापित किया। पिछले दो चुनाव वर्ष 2015 व 2020 के चुनाव में पार्टी को मिली हार को इसबार जीत में तब्दील कर आलोचना करने वाले विरोधियों का भी मुंह बंद कर दिया। परिवार के एकजुट होने का भी इसबार के चुनाव काफी फायदा मिला जो वोटों माध्यम से दिख भी रहा है।
विधानसभा क्षेत्र की जनता ने फिर से ओझा ब्रांड को अपना भरपूर समर्थन दिया है। भाजपा के समर्थकों ने इसबार वोटों की इस तरह से किलाबंदी किया कि महागठबंधन के लोग समझ ही नहीं पाए। महागठबंधन को कई स्थानों पर भीतरघात भी झेलना पड़ा है जो एनडीए के लिए फायदेमंद साबित हुई। |
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