करगहर प्रखंड में धान पककर पूरी तरह तैयार
संवाद सूत्र, करगहर (रोहतास)। धन का कटोरा कहे जाने वाला करगहर प्रखंड में धान पककर पूरी तरह तैयार हो गया है। किसान चुनाव बीतने का इंतजार कर रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव का मतगणना समाप्त होने के बाद ही धान की कटाई में तेज रफ्तार पकड़ ले। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
धान की कटाई से पूर्व रवि बुवाई के लिए किसान अभी से ही खाद खरीदना शुरू कर दिए हैं। छठ के दौरान हुई भारी वर्षा से अधिकांश जगहों पर धान की फसल खेतों में गिर गई है।
जिसके कारण खेतों का पानी विलंब से सूख रहा है। खेतों में गिरे धान के कारण विलंब से कटाई होना स्वाभाविक है।
फिर भी जो भी धान खड़े हैं इसका उत्पादन अच्छी होने की संभावना जताई जा रही है। अधिकांश जगहों पर खेत गीला होने के कारण हार्वेस्टर से धान की कटाई करना संभव नहीं लग रहा है।
दूसरी ओर हाथ से धान की कटाई करने के लिए पर्याप्त मजदूर भी नहीं मिल पा रहे हैं। अधिकांश मजदूर अन्य प्रदेशों के कंपनियों में काम करते हैं।
20 पंचायत के इस प्रखंड में धान की खेती अच्छी होती है। सबसे अधिक ठोरसन पंचायत में 1559 हेक्टेयर एवं सबसे कम करगहर पंचायत में 561 हेक्टेयर धान की रोपाई हुई है।
खैरा शाहमल पंचायत में 993.78, सेमरी में 1203.38, बड़हरी में 934.64, अकोढ़ी में 1266.25, सेन्दुआर में 1144.47, समरडीहां में 1291.12, खड़ारी में 1369.59, रुपैठा में 886.26, भोखरी में 1524.35, रीवा में 1407.41, करगहर में 561.54, कल्याणपुर में 1482.66, डुमरा में 1195.06, बभनी में 1075, रामपुर में 1011.90, शिवन में 1227.44, ठोरसन में 1559.89, बसडीहां में 1336.66, बकसड़ा में 1531.99 एवं अररुआं में 1338.57 हेक्टेयर खेत में धान की रोपाई की गई है।
अंचलाधिकारी अजीत कुमार ने बताया कि प्रखंड का कुल रकबा 33349.698 हेक्टेयर एवं खेती योग्य भूमि 28269.644 हेक्टेयर है।
जिसमें 24241.96 हेक्टेयर खेत में धान की रोपाई की गई है। प्रखंड क्षेत्र में अधिकांश द्वीफसली खेती की जाती है। |