search

आपदा प्रभावितों के जख्मों पर उत्तराखंड कैबिनेट ने लगाया मरहम, सहायता राशि में बढ़ोतरी

LHC0088 2025-11-13 19:07:11 views 981
  

-सरकार की ओर से आपदा प्रभावितों को दी जाने वाली सहायता राशि में बढ़ोतरी के निर्णय से मिलेगी राहत। प्रतीकात्‍मक



राज्य ब्यूरो, जागरण देहरादून। इस बार का वर्षाकाल भले ही विदा ले चुका है, लेकिन इस अवधि में उत्तराखंड को जो गहरे जख्म मिले, उसकी भरपाई असंभव है। लेकिन, जीवन चलने का नाम है। ऐसे में आपदा प्रभावितों को हर स्तर पर मदद की दरकार है और सरकार ने भी इस दिशा में अपनी जिम्मेदारी को समझा है। आपदा प्रभावितों को दी जाने वाली सहायता राशि में की गई बढ़ोतरी से कुछ हद तक उनके जख्मों पर मरहम लग सकेगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

उत्तरकाशी, चमोली, देहरादून, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, पौड़ी, ऊधम सिंह नगर समेत सभी जिलों में वर्षाकाल में आपदा ने जानमाल को भारी क्षति पहुंचाई। यद्यपि, आपदा प्रभावितों को एसडीआरएफ (स्टेट डिजास्टर रिलीफ फंड) से सहायता राशि दी जाती है, लेकिन इसमें वृद्धि करने पर भी जोर दिया जा रहा था। सरकार ने इसे स्वीकारा और आपदा में क्षति के मानकों में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी। आपदा में जान गंवाने वाले व्यक्तियों के स्वजन को अब पांच लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी, जो अभी तक चार लाख रुपये थी।

आपदा में भवनों की क्षति के मानकों में भी बदलाव किया गया है। पूर्व में पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त भवन के लिए पर्वतीय क्षेत्र में तीन लाख और मैदानी क्षेत्र में 2.80 लाख रुपये की राशि एसडीआरएफ मद से दी जाती थी। अब सरकार ने इसमें समानता लाते हुए पांच लाख रुपये कर दिया है। इतना ही नहीं कच्चे मकानों के लिए भी एक लाख रुपये की अतिरिक्त सहायता का प्रविधान किया गया है। इसके अलावा एसडीआरएफ मद से आपदा प्रभावितों को कपड़े व बर्तन के लिए ढाई-ढाई हजार रुपये की राशि पूर्व में दी जाती थी। अब इसके अतिरिक्त बर्तन व कपड़ों के लिए पांच-पांच हजार रुपये की अतिरिक्त राशि भी दी जाएगी।
राज्य में इस वर्ष आपदा में क्षति

  • 144 व्यक्तियों की जान गई।
  • 159 व्यक्ति हुए घायल।
  • 86 व्यक्ति अभी तक लापता।
  • 334 पक्के घर पूरी तरह ध्वस्त।
  • 351 घर गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त।
  • 6429 घरों को आंशिक नुकसान।
  • 129 गोशालाएं हुई ध्वस्त।

मौनपालकों को मधु ग्राम योजना की जल्द मिलेगी सब्सिडी

राज्य में मौनपालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार वर्ष 2020 में उद्यान विभाग के अंतर्गत मधु ग्राम योजना लेकर आई थी। इसके तहत मौनपालकों को मौन गृह व मौन वंश पर 80 प्रतिशत अनुदान देने का निर्णय लिया गया। इसमें 40 प्रतिशत केंद्रांश और 40 प्रतिशत राज्यांश था। वर्ष 2021-22 में प्रत्येक न्याय पंचायत के एक ग्राम को चयनित कर वहां यह योजना शुरू की गई। वर्ष 2022-23 में केंद्र सरकार ने मौनपालन घटक में इस योजना को स्वीकृति नहीं दी। नतीजतन, मौनपालक केंद्रांश के तौर पर मिलने वाली 40 प्रतिशत राशि से वंचित रह गए। अब कैबिनेट ने 29.40 लाख रुपये की यह राशि राज्य सेक्टर से प्रदान करने के उद्यान विभाग के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है।

यह भी पढ़ें- अब उपनल कर्मियों को विनियमितीकरण का इतंजार, दो माह में फैसला लेगी उप समिति

यह भी पढ़ें- Uttarakhand News: दूसरे पखवाड़े में होगा धामी मंत्रिमंडल का विस्तार, 2027 चुनाव को बनाया जाएगा टारगेट  

यह भी पढ़ें- Uttarakhand Cabinet: नगरीय क्षेत्रों में सेहत इंतजामों की निगरानी करेगा पीएमयू, आरोग्य आयुष्मान केंद्रों पर रहेगा विशेष फोकस
like (0)
LHC0088Forum Veteran

Post a reply

loginto write comments
LHC0088

He hasn't introduced himself yet.

410K

Threads

0

Posts

1410K

Credits

Forum Veteran

Credits
141395

Get jili slot free 100 online Gambling and more profitable chanced casino at www.deltin51.com