प्रदर्शन करते किसान (जागरण फोटो)
जागरण संवाददाता, संगरूर। जिले के गांव संतोखपुरा में किसानों ने दिल्ली–कटरा एक्सप्रेसवे का काम रोककर पक्का मोर्चा लगा दिया है। बुधवार को दूसरे दिन भी किसानों ने किसान यूनियन उगराहां की अगुआई में पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। किसानों का आरोप है कि सरकार ने अब तक करीब छह करोड़ रुपये की मुआवजा राशि का भुगतान नहीं किया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
जब तक यह राशि नहीं मिलती है तब तक काम शुरू नहीं होने दिया जाएगा। बता दें कि गांव में करीब दो किलोमीटर तक एक्सप्रेसवे का काम लटका हुआ है। बुधवार को धरने को संबोधित करते हुए यूनियन के नेता मनजीत सिंह घराचों ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से एक्सप्रेसवे के लिए भवानीगढ़ के गांव संतोखपुरा, जलान और खेड़ी चंदवा की जमीन अधिग्रहीत की गई थी, लेकिन अब तक कई किसानों को मुआवजा नहीं मिला।
उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट में पंजाब के कई गांवों की जमीनें आई थीं, लेकिन कई किसानों को अब तक उनका हक नहीं मिला। पहले भी गांव झनेड़ी में जिन किसानों को मुआवजा नहीं मिला था, उन्हें महीनों मोर्चा लगाना पड़ा था।
किसान नेता जगतार सिंह कालाझाड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने वादा किया था कि पंजाब में किसी किसान की जबरदस्ती जमीन एक्वायर नहीं की जाएगी। अब सरकार अपने ही वादे से पीछे हट रही है। किसानों ने चेतावनी दी कि जल्द मुआवजा जारी नहीं किया गया तो धरना एक बड़े आंदोलन का रूप ले सकता है।
संगरूर व मालेरकोटला में अधूरा पड़ा काम इससे पहले भी किसान मालेरकोटला के गांव सरोद में जमीन का उचित मुआवजा लेने के लिए जुलाई 2022 व 2024 में भवानीगढ़ व मालेरकोटला के हाईवे का काम रूकवा चुके हैं। यह हाईवे लंबे समय से बंद है। मालेरकोटला में एक्सप्रेस वे का करीब दो किलोमीटर का काम रुका हुआ है।
संगरूर के भवानीगढ़ में करीब 1.5 किलोमीटर का काम बंद है। एक्सप्रेस वे का खनौरी बार्डर से मालेरकोटला तक 80 किलोमीटर से 72 किलोमीटर काम पूरा हो चुका है। इसका काम मार्च 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है, जबकि एक्सप्रेस वे का काम 2023 में पूरा होना था। |