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नोएडा में किशोर के मौत मामले में क्लीनिक सील, तीन डाक्टरों की टीम ने शुरू की जांच

deltin33 2025-10-12 14:36:14 views 1234

  

एक निजी क्लिनिक के डॉक्टर पर गलत इलाज से किशोर की मौत का आरोप।



संवाद सहयोगी, दादरी। जारचा के प्यावली गांव में निजी क्लीनिक के डाक्टर द्बारा तेज बुखार में गलत उपचार के कारण मौत हो जाने के मामले में धीमी कार्रवाई को लेकर ग्रामीणों का गुस्सा शनिवार को भड़क गया। बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने दादरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंच कर हंगामा किया व क्लीनिक सील कर डाक्टर को गिरफ्तार करने की मांग की। सूचना पाकर मौके पर पहुंची दादरी पुलिस ने लोगों को समझा बुझाकर शांत कराया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

इसके बाद सीएमओ से वार्ता कराई गई। सीएमओ ने तीन डाक्टरों की टीम गठित कर दी, जिसने शनिवार को जांच शुरू कर दी है। ग्रामीणों व किशोर के स्वजन की मांग पर शनिवार को सीएमओ द्वारा गठित डाक्टरों की टीम ने आरोपित डा. महबूब अली के क्लीनिक को सील कर दिया है। टीम की जांच रिपोर्ट आने के बाद आरोपित डाक्टर के खिलाफ मामला दर्ज कराया जाएगा।

हापुड़ निवासी पुष्पेंद्र कुमार ने शिकायत दी है कि चार अक्टूबर को उनके पुत्र 15 वर्षीय रजत को तेज बुखार आया। उपचार के लिए उसे डा. महबूब अली के क्लीनिक में ले गए। यहां डाक्टर के द्वारा इंजेक्शन लगाते ही रजत की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई। इसे देखते हुए स्वजन उसे गाजियाबाद ले गए, लेकिन इससे पहले उसकी मौत हो गई।

इसके बाद मामले की शिकायत करने पर भी आरोपित डाक्टर के खिलाफ कोई खास कार्रवाई नहीं गई। इससे नाराज स्वजन ग्रामीणों के साथ शनिवार को दादरी पहुंच कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर आरोपित के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया।
आयुर्वेंद के लाइसेंस पर एलोपैथिक इलाज दे रहा था डॉक्टर

ग्रामीणों का कहना है कि डाक्टर खुद को बीएससी बीएएमएस कानपुर बताता है। डाक्टर को कोई भी ऐलोपैथिक इलाज या इंजेक्शन देने के लिए अधिकृत नहीं था, फिर भी वह उपचार के नाम पर लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहा था। अस्पताल में एलोपैथिक, आर्थो समेत सभी तरह की जांच, एक्सरे आदि की सुविधा देता था। आरोप है कि नकली इंजेक्शन और नकली दवाईयों का भंडार भी रखता था।

इन डाक्टरों को मिली जांच की जिम्मेदारी: सीएमओ ने किशोर के मौत मामले में तीन डाक्टरों की टीम बनाई है। जिसमें डॉ. रविंद्र सिरोही, डा. रामनिवास, डा. रविंद्र चिकित्सा अधीक्षक दादरी शामिल हैं।

प्राथमिक जांच में आरोपित के पास था आयुर्वेद का लाइसेंस: जिला आयुर्वेदिक चिकित्साधिकारी डा. रामनिवास का कहना है कि प्राथमिक जांच में डा. महबूब अली के पास आयुर्वेदिक लाइसेंस हैं। उस पर वह एलोपैथिक दवाईयों व इंजेक्शन का प्रयोग नहीं कर सकता। डा. द्वारा दिए गए प्रार्थना पत्र में कहा है कि उसने किशाेर को एलोपैथिक इंजेक्शन लगाया है।


किशोर के स्वजन व नंगला गांव के लोगों ने डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर हंगामा कर रहे थे। सीएमओ से वार्ता के बाद जांच टीम गठित कर दी गई है। क्लीनिक को सील कर डाक्टरों की टीम जांच रिपोर्ट देगी, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। -अजीत कुमार, एसीपी दादरी।

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