- समय से उपचार होने पर सर्पदंश पीड़ितों की बच जाती है जान: डा. ऋषभ यादव
जागरण संवाददाता, जौनपुर। दैनिक जागरण के हेलो डाक्टर कार्यक्रम में गुरुवार को पहुंचे एमडी फिजीशियन डाक्टर ऋषभ यादव से लोगों ने मधुमेह, मोटापा, सांस, पेट, उच्च रक्तचाप आदि बीमारियों के बारे में सवाल पूछे। उन्होंने संजीदगी से सभी के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि दिल की बीमारी वर्तमान में गंभीर समस्या है। हृदयाघात होने पर तुरंत उपचार से जान जाने का खतरा कम रहता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अगर सीने में 20 मिनट से ज्यादा समय तक असहनीय दर्द हो और सीने में भारीपन लग रहा हो तो तुरंत नजदीक के विशेषज्ञ चिकित्सक से संपर्क करें। जांच में हार्ट अटैक की पुष्टि होने पर शीघ्र छल्ला डलवा दें। इससे खतरा टलने के साथ ही नया जीवन मिल जाता है। प्रस्तुत है प्रमुख सवाल व उनके जवाब..।
-सर्पदंश के प्रमुख लक्षण क्या हैं, सांप के डसने पर क्या करें? - शहनवाज केराकत।
- सर्प दंश पीड़ित के आंख की पुतली पूरी नहीं खुलती। जुबान लड़खड़ाना और सांस लेने में परेशानी होना प्रमुख लक्षण हैं। ऐसा दिखने पर झाड़-फूंक की बजाय तुरंत अस्पताल पहुंचे।
-मैं मधुमेह का रोगी हूं। दो साल से दवा ले रहा हूं। क्या सावधानी बरतें? -अर्जुन विश्वकर्मा मुफ्तीगंज।
-उच्च रक्तचाप व मधुमेह साइलेंट किलर हैं। इस बीमारी ने वर्तमान में महामारी का रूप ले लिया है। मोटापा, धूम्रपान, मधुमेह, उच्च रक्तचाप से बचें। खान-पान, व्यायाम के साथ अनियमित जीवन शैली में सुधार लाकर इससे बचा जा सकता है। नियमित जांच के साथ ही चिकित्सक के परामर्श पर दवा लेते हैं।
-मेरा कोलेस्ट्राल बढ़ा है। सीने में हल्की दर्द के साथ भारीपन रहता है, क्या करें? -जय प्रकाश खुटहन।
-नियमित जांच के साथ ही खान-पान पर विशेष ध्यान रखें। विशेषज्ञ चिकित्सक के परामर्श पर नियमित दवा का सेवन करते रहें।
- डेंगू का प्रकोप बढ़ रहा है। बचाव के लिए क्या करें? -चंदन जायसवाल,पिलकिछा।
-यह मच्छरों द्वारा फैलती है। शरीर में तेज दर्द, तेज बुखार, जोड़ों व मांसपेशियों में दर्द प्रमुख लक्षण होते हैं। बचाव के लिए पूरे शरीर कपड़े पहनें, मच्छरदानी का प्रयोग करें, घरों के आस-पास पानी न एकत्र होने दें। यदि डेंगू हो जाता है तो घबराएं नहीं। खूब पानी पीएं, आराम करें और विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श लें।
-क्या डेंगू में बकरी की दूध व पपीते की पत्ती फायदेमंद है? - फरजाना बेगम केराकत
- बकरी का दूध, पपीते की पत्ती व जड़ी-बूटी कत्तई न दें। इसके सेवन से उल्टी होने की संभावना अधिक होती है। इससे मरीज की हालत और खराब हो जाती है।
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इन लोगों ने भी पूछे सवाल
नरेंद्र कुमार मानीकलां, सूर्यनाथ शर्मा सिकरारा, अंजना दुबे गोमती पब्लिक स्कूल, श्याम मोहन गोमती पब्लिक स्कूल, अरविंद पांडेय शाहगंज, आशुतोष सिंह सिकरारा,राजेश कुमार मुंगराबादशाहपुर, मानिक गुप्त सुईंथाखुर्द, सौरभ मौर्य सिरकोनी, कुमकुम जोगियापुर, राज कुमार जायसवाल सिकरारा आदि। |